25 january 2024
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन दिया। देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने अपने संबोधन की शुरूआत की। मुर्मु ने अपने संबोधन में विश्व के कई देशों के बीच चल रहे संघर्षों और मानवीय त्रासदियों पर चिंता जताई। उन्होनें भगवान बुद्ध से लेकर वर्धमान महावीर और सम्राट अशोक से लेकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तक के अहिंसा के मार्ग को अपनाने का जिक्र करते हुए उम्मीद जताई, कि शांति स्थापित करने के रास्ते खोज लिए जाएंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार लोगों की जिंदगी आसान करने के तमाम योजनाएं चला रही है, और ये किसी भी राजनीतिक या आर्थिक विचारधारा से परे हैं। इन योजनाओं को मानवीय दृष्टिकोण से ही देखा जाना चाहिए।
मुर्मु ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को ‘ऐतिहासिक’ करार दिया। उन्होनें कहा कि भविष्य में जब भी इस घटना को व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखा जाएगा तब इसका मूल्यांकन भारत द्वारा अपनी सभ्यतागत विरासत की निरंतर खोज में युगांतरकारी आयोजन के रूप में किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘यह मंदिर न केवल जन-जन की आस्था को व्यक्त करता है,बल्कि न्यायिक प्रक्रिया में हमारे देशवासियों की अगाध आस्था का प्रमाण भी है।’’