Supreme Court On MBBS: सुप्रीम कोर्ट ने 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग छात्रो को लेकर बेहद अहम फैसला सुनाया. फैसले के बाद छात्रों में खुशी की लहर दौड़ गई.
16 October, 2024
Supreme Court On MBBS: दिव्यांग छात्रों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बेहद ही अहम फैसला सुनाया हैं. आपको बता दें कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांग छात्रों को एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई से न रोकने के लिए फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 40 प्रतिशत की बेंचमार्क (मानक) विकलांगता होने से किसी अभ्यर्थी को मेडिकल की पढ़ाई करने से नहीं रोका जा सकता है.
SC ने 18 सितंबर के आदेश को फिर से दोहराया
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि जब तक कोई भी एक्सपर्ट रिपोर्ट ना हो कि उम्मीदवार MBBS नहीं कर सकता है, तब तक 40 फीसदी दिव्यांग व्यक्ति को MBBS की पढ़ाई करने से नहीं रोका जा सकता. न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने यह फैसला सुनाया है. साथ ही पीठ ने अपने 18 सितंबर के आदेश को भी दोहराया, जिसमें मेडिकल बोर्ड की राय के बाद एक दिव्यांग उम्मीदवार को MBBS पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने की अनुमति दी गई थी.
ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन रेगुलेशन को दी चुनौती
बता दें कि जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने यह फैसला ओमकार नाम के एक शख्स की याचिका पर सुनाया है. याचिका में साल 1997 के ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन रेगुलेशन को चुनौती दी गई है. रेगुलेशन के मुताबिक 40 प्रतिशत से ज्यादा विकलांगता वाले शख्स को MBBS की पढ़ाई करने से रोका जा सकता है. ऐसे में कोर्ट ने यह भी साफ किया कि इस तरह के सभी मामलों की और MBBS पाठ्यक्रम में पढ़ाई करने की क्षमता की जांच दोनों ही विकलांगता मूल्यांकन बोर्ड करेगा.
यह भी पढ़ेंः Varun Dhawan को आदित्य चोपड़ा ने अपनी फिल्म में लेने से कर दिया था इनकार, एक्टर ने इस तरह किया खुलासा