Jai Prakash Narayan Death Anniversary: आज महान स्वतंत्रता सेनानी लोकनायक जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि है. आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी 10 खास बातें.
11 October, 2024
Jai Prakash Narayan Death Anniversary: यह अजब इत्तेफाक है कि जिस तारीख को यानी 11 अक्टूबर को सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का जन्म हुआ उसी दिन महान स्वतंत्रता सेनानी लोकनायक जयप्रकाश नारायण (Lok Nayak Jai Prakash Narayan) की पुण्यतिथि है. जयप्रकाश नारायण (Jai Prakash Narayan) स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ-साथ राजनेता भी थे. ‘जेपी’ नाम से मशहूर जयप्रकाश नारायय़ण का देश की आजादी की लड़ाई से लेकर वर्ष 1977 तक कई आंदोलनों में अहम रोल रहा है.
इंदिरा गांधी का किया था विरोध
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के विरोध के लिए जेपी (JP Narayan) को सर्वाधिक जाना जाता था. राजनीति के जानकारों की मानें तो जेपी के आंदोलन की वजह से ही इंदिरा गांधी के हाथ से सत्ता तक चली गई थी. जेपी का समाजवाद का नारा आज भी गूंजता है. जेपी देश की आजादी के लिए स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए तो उन्हें तरह-तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने अंग्रेज़ों के सामने घुटने नहीं टेके.
राष्ट्रवादी भी थे जेपी
11 अक्टूबर 1902 को बिहार के सिताबदियारा जन्में जयप्रकाश नारायण राष्ट्रवादी थे और उन्होंने पंजाब के जलियांवाला बाग नरसंहार के विरोध में जेपी ने ब्रिटिश शैली के स्कूलों को छोड़कर बिहार विद्यापीठ से अपनी उच्चशिक्षा पूरी की. पढ़ाई लिखाई की बात करें तो जेपी ने समाजशास्त्र से एमए किया. इसके बाद आगे की पढ़ाई की कड़ी में अमेरिकी विश्वविद्यालय से आठ वर्ष तक अध्ययन किया.
अमेरिका से वापस आने के बाद उनका संपर्क गांधी जी के साथ काम कर रहे जवाहर लाल नेहरु से हुआ. वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बने. 1932 में गांधी, नेहरु और अन्य महत्त्वपूर्ण कांग्रेसी नेताओं के जेल जाने के बाद, उन्होंने भारत में अलग-अलग हिस्सों में संग्राम का नेतृत्व किया. उन्हें भी मद्रास में सितंबर, 1932 में गिरफ्तार कर लिया गया और नासिक के जेल में भेज दिया गया.
जानिये JP के बारे में 10 खास बातें
- उन्होंने 1939 में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अंग्रेज सरकार के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई की.
- टाटा स्टील कंपनी में हड़ताल कराने का प्रयास किया, जिससे अंग्रेजों के पास इस्पात नहीं पहुंचे. इस पर गिरफ्तार कर लिया गया और 9 महीने की कैद की सजा सुनाई गई.
- 1948 में कांग्रेस के समाजवादी दल का नेतृत्व किया.
- गांधीवादी दल के साथ मिलकर समाजवादी सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना की.
- 1960 के दशक के अंतिम भाग में वह राजनीति में पुनः सक्रिय रहे.
- 1974 में किसानों के बिहार आंदोलन में उन्होंने तत्कालीन राज्य सरकार से इस्तीफे की मांग की. वह इंदिरा गांधी की प्रशासनिक नीतियों के विरुद्ध थे.
- 1975 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की, इसके अंतर्गत जेपी सहित 600 से भी अधिक विरोधी नेताओं को कैदी बनाया गया. इसके साथ ही प्रेस पर सेंसरशिप लगा दी गई.
- 1977 जेपी के प्रयासों से एकजुट हुआ और विपक्ष ने इंदिरा गांधी को चुनाव में हरा दिया.
- जयप्रकाश नारायण का निधन 8 अक्टूबर 1979 को हुआ.
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