Home Entertainment Rekha-Amitabh का इश्क क्यों रह गया अधूरा ? आखिर कौन था विलेन? जानने के लिए पढ़ें इनसाइड स्टोरी

Rekha-Amitabh का इश्क क्यों रह गया अधूरा ? आखिर कौन था विलेन? जानने के लिए पढ़ें इनसाइड स्टोरी

by Preeti Pal
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Rekha-Amitabh : 80 के दशक में रेखा और अमिताभ की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाती थीं. आज 25 साल के यंग और 10 साल के बच्चे भी समझते हैं अमिताभ-रेखा के मायने.

10 October, 2024

Rekha-Amitabh : साहिर लुधियानवी का गीत ‘वो अफसाना जिसे अंजाम तक लाना ना हो मुमकिन, उसे एक खूबसूरत मोड़ देकर छोड़ना अच्छा’ . रेखा और अमिताभ बच्चन की मोहब्बत का भी कुछ यही अंजाम हुआ. हालांकि, दोनों एक-दूसरे से जुदा होकर भी सही मायने में जुदा ना हो सके. भले ही अमिताभ और रेखा ने 43 सालों से एक-दूसरे के साथ काम नहीं किया, भले ही दोनों एक-दूसरे से नजर नहीं मिलाते, भले ही दोनों एक-दूसरे का सामना करने से कतराते हैं, फिर भी रेखा और अमिताभ की जोड़ी की पॉपुलैरिटी से आज की जेनेरेशन भी अच्छी तरह से वाकिफ है. 80 के दशक में रेखा और अमिताभ की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाती थीं.

आज भी होती है दोनों की बात

आज 25 साल के यंग और 10 साल के बच्चे भी समझते हैं अमिताभ-रेखा के मायने. संयोग देखिए कि रेखा अमिताभ से 12 साल छोटी हैं. 10 अक्टूबर को जहां रेखा 70 साल की हो जाएंगी तो वहीं, 11 अक्टूबर को Bigg B भी अपनी जिंदगी के 82 साल पूरे कर लेंगे. ऐसे में आज आपके लिए अमिताभ और रेखा के अधूरे प्यार की दास्तान लेकर आए हैं. यह प्रेम कहानी दशकों पहले भी चर्चा में थी और आज भी है. 45 साल पहले दबे सुरों में इस बारे में बातें होती थीं और आज भी. लेकिन खास बात यह है कि इसी खामोशी के साथ रेखा-अमिताभ के नाम की गूंज अभी भी बरकरार है.

और भी हैं प्रेम कहानियां

यूं तो हिंदी सिनेमा में लव स्टोरीज की कमी नहीं है. इनमें से कुछ शादी तक पहुंच पाती हैं तो कुछ थोड़ी दूर साथ चलकर दम तोड़ देती हैं और कुछ प्रेम कहानियां अमर हो जाती है. ऐसी ही है रेखा और अमिताभ बच्चन की लव स्टोरी. वैसे दोनों की पहली मुलाकात अमिताभ और जया भादुड़ी की शादी से पहले साल 1972 में हुई थी. तब फिल्म मेकर जीएम रोशन ने अमिताभ-रेखा के साथ फिल्म शुरू की जिसका नाम था ‘अपने-पराये’, मगर कुछ दिन शूटिंग के बाद ही फिल्म बंद हो गई. कुछ समय बाद इस फिल्म में रेखा के साथ संजय खान को लेकर फिल्म पूरी की गई. हालांकि, फिल्म ‘दुनिया का मेला’ नाम से 1974 में रिलीज हुई और बड़ी फ़्लॉप रही. इससे पहले दोनों को ‘नमक हराम’ फिल्म में एक-दूसरे के साथ काम करने का मौका मिला, लेकिन इसमें रेखा अमिताभ की नहीं बल्कि राजेश खन्ना की हीरोइन थीं. इस वजह से दोनों के बीच तब तक कोई खास बातचीत नहीं थी.

प्रेम कहानी की शुरुआत

फिर आया साल 1976 जब रेखा और अमिताभ बच्चन की जिंदगी बदल गई. उस साल दोनों ने डायरेक्टर दुलाल गुहा की फिल्म ‘दो अनजाने’ साइन की. दोनों ही लीड रोल में थे. कहा जाता है कि इससे पहले रेखा एक्टिंग को लेकर ज्यादा सीरियस नहीं थीं. इस फिल्म में अमिताभ के साथ काम करने को लेकर रेखा ने खुद सिमी गरेवाल के शो में बताया था कि जब उन्हें पता लगा कि ‘दो अनजाने’ में अमित जी हैं तो वह डर गई थी. उस वक्त अमिताभ की ‘दीवार’ बहुत बड़ी हिट हो चुकी थी. रेखा अमिताभ के साथ काम करने की वजह से नर्वस भी थीं. रेखा ने कहा- ‘मैंने उस वक्त बहुत कुछ सीखा. शूटिंग को लेकर अपनी सोच को बदला’.

जब भूल जाती थीं डायलॉग

अमिताभ के बारे में बात करते हुए रेखा ने सिमि के शो में कहा- ‘मैं पहले किसी से इम्प्रेस नहीं होती थी, लेकिन अमिताभ ऐसे इंसान थे, जैसा मैंने पहले कभी नहीं देखा. मैं हमेशा सोचती थी कि कैसे एक ही इंसान में इतनी ख़ूबियां हो सकती हैं. ‘दो अनजाने’ की शूटिंग के वक्त अमिताभ को देखकर रेखा अपने डायलॉग भूल जाती थीं. तब अमिताभ उनसे कहते- ‘सुनिए कम से कम अपने डायलॉग्स तो याद कर लीजिए… रेखा के उस इंटरव्यू को अगर आप देखेंगे तो समझ आएगा कि वह अमिताभ के काम, डिसिप्लिन, उनके बिहेवियर से काफी इम्प्रेस हुईं. उनके यही इमोशन प्यार में बदल गए.

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