Lata Mangeshkar: स्वर कोकिला का नाम सुनते ही लता मंगेशकर की खूबसूरत आवाज कानों में गूंजने लगती है. हालांकि, उनका असली नाम कुछ और था जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं.
09 October, 2024
Lata Mangeshkar: 28 सितंबर, 1929 को महाराष्ट्र में पैदा हुईं लता मंगेशकर का असली नाम हेमा था, लेकिन इस नाम से उन्हें कोई नहीं जानता. दरअसल, लता मंगेशकर ने अपने पिता के एक प्ले में काम किया जिसमें उनके कैरेक्टर का नाम ‘लतिका’ था. तब से उनके जानने वाले उन्हें लता के नाम से बुलाने लगे जिसके बाद उनका नाम ही लता पड़ गया. वैसे यह बात भी कोई कोई ही जानता है कि लता ने गाने से नहीं बल्कि एक्टिंग से बॉलीवुड में अपना करियर शुरू किया था. 13 साल की उम्र में पिता को खोने के बाद लता ने फिल्मों में छोटे मोटे रोल करने शुरू कर दिए थे. लेकिन ना तो उन्हें मेक-अप भाता और ना ही एक्टिंग में रस आता.
जब नूरजहां ने की तारीफ
इतना ही नहीं 1943 में कोल्हापुर में एक फ़िल्म की शूटिंग चल रही थी. इसके लिए मशहूर सिंगर नूरजहां गाने रिकॉर्ड कर रही थीं. उसी फिल्म में लता छोटी बच्ची का रोल कर रही थीं. तभी फ़िल्म के प्रोड्यूसर ने लता को नूरजहां से यह कहते हुए मिलवाया कि ये बच्ची भी गाना गाती है. नूरजहां ने कहा, ‘अच्छा कुछ सुनाओ फिर…’ लता ने ऐसा गाना सुनाया कि खुश होकर नूरजहां बोलीं ‘बहुत अच्छा गाती हो, रियाज करती रहना, बहुत आगे जाओगी’.
रिजेक्शन का दर्द
कुछ सालों बाद लता की जिंदगी में म्यूजिक डायरेक्टर उस्ताद ग़ुलाम हैदर की एंट्री हुई जिन्हें लता की आवाज बेहद पसंद आई. गुलाम हैदार लता को लेकर डायरेक्टर्स के पास गए. उस वक्त लता की उम्र 19 साल रही होगी. उनकी आवाज काफी पतली थी इस वजह से लोग उनकी आवाज को रिजेक्ट कर दिया करते थे. मगर ग़ुलाम हैदर को लता पर पूरा भरोसा था. उन्होंने फिल्म ‘मजबूर’ में लता से मुनव्वर सुल्ताना के लिए प्लेबैक करवाया. गुलाम हैदर लता से अक्सर कहते थे- ‘तुम एक दिन बड़ी कलाकार बनोगी. आज जो लोग तुम्हें नकार रहे हैं, वही तुम्हारे पीछे भागेंगे’. अजीब बात है कि जिन दो बड़े कलाकारों ने लता का टैलेंट पहचाना वह दोनों ही बंटवारे के बाद पाकिस्तान चले गए. मगर लता के लिए ग़ुलाम हैदर और नूर जहां की कही बात सच हो गई.
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