America Presidential Elections 2024: ईरान और इजराइल (Israel-Iran War) के बीच जंग छिड़ती है और इस अक्टूबर सरप्राइज (October Surprise) से किसे फायदा मिलेगा.
America Presidential Elections 2024: मिडिल-ईस्ट (Middle East Tension) में तनाव अपने चरम पर है. ईरान के हमले के बाद से इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई है, लेकिन इस बीच अमेरिका में अगले महीने ही राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं.
ऐसे में सवाल यह भी है कि ईरान और इजराइल (Israel-Iran War) के बीच जंग छिड़ती है, तो इससे अमेरिका में चुनाव पर क्या प्रभाव पड़ेगा और इससे रिपब्लिकन पार्टी (Republican Party) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) या डेमोक्रेटिक पार्टी (Democratic Party) की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Kamala Harris) में से किसे फायदा मिलेगा.
इस साल दूसरी बार ईरान ने किया हमला
बता दें कि इस साल दूसरी बार ईरान ने इजराइल पर मिसाइलें दागी हैं और अमेरिका ने मिसाइलों को मार गिराने में इजराइल की मदद की है. अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने वादा किया है कि ईरान को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. वहीं, दूसरी ओर इजराइल सात मोर्चों पर बराबर हमले कर रहा है.
जानकारी के मुताबिक इजराइल के राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नुकसान पहुंचाने की योजना पर भी काम कर रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में व्हाइट हाउस इजराइल से आक्रामकता कम करने पर जोर दे रहा है. अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से जो बाइडेन मिडिल ईस्ट के किसी दूसरे मामले में सीधे तौर पर पड़ने से परहेज करते दिख रहे हैं.
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नेतन्याहू नहीं सुन रहे जो बाइडेन की बात
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी कई मामलों में अमेरिकी राष्ट्रपति की बातों को अनसुना कर रहे हैं. बता दें कि अमेरिका कई महीनों से इजराइल से हिज्बुल्लाह पर हमला न करने पर जोर दे रहा था. ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देशों के साथ मिलकर अमेरिका ने लेबनान में जल्द से जल्द युद्ध विराम का आग्रह किया था.
इजराइल ने इसे भी नजरअंदाज कर दिया. इजराइल अपनी सैन्य बढ़त का फायदा भी उठा रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में एक महीने से भी कम समय बचा है और कमला हैरिस ने गाजा में हो रहे हमलों को लेकर सख्त रुख अपनाने की कोशिश की है, लेकिन हमले की स्थिति में इजराइल के समर्थन में भी दिख रही हैं. ईरान के प्रति वह नरम दिखने का जोखिम भी नहीं उठाते दिख रही हैं.
अक्टूबर सरप्राइज से किसे होगा फायदा?
वहीं दूसरी ओर चुनाव प्रचार में डोनाल्ड ट्रंप दावा कर रहे हैं कि उनके कार्यकाल के दौरान मिडिल-ईस्ट में शांति थी. अब जो बाइडेन की कमजोरी के कारण युद्ध की स्थिति गंभीर होती जा रही है. डोनाल्ड ट्रंप सीधे तौर पर इजराइल का साथ देते दिख रहे हैं. 2 दिन पहले ही शुक्रवार को उन्होंने कहा कि इजराइल को जवाबी कार्रवाई के रूप में ईरान के परमाणु ठिकाने पर बड़ा हमला करना चाहिए.
इससे पहले जो बाइडेन ने कहा था कि अगर इजराइल ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करता है तो वह इजराइल का साथ नहीं देंगे. ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव ने अब इस चुनाव में अक्टूबर सरप्राइज के तौर पर एंट्री ले ली है. बता दें कि अमेरिका में जब भी राष्ट्रपति चुनाव होते हैं, तो अक्टूबर सरप्राइज (October Surprise) की चर्चा तेज हो जाती है. कई मामलों में इस सरप्राइज ने मतदान से कुछ हफ्ते पहले ही पूरे चुनाव का रुख मोड़ दिया है.
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