NCRB 2024 Report : NCRB की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल हर घंटे बच्चों के खिलाफ औसतन 18 अपराध हुए. ऐसे में वर्ष 2021 की तुलना में बच्चों के खिलाफ अपराधों में 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
NCRB 2024 Report : नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो (National Crime Report Bureau) की ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बच्चों के खिलाफ अपराध में बढ़ोतरी हुई है. NCRB की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, साइबर पोर्नोग्राफी, अश्लील यौन सामग्री होस्ट करने या प्रकाशित करने के 1,171 मामले मामले सामने आए हैं. इसी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साइबर स्टॉकिंग या धमकाने के 158 मामले और अन्य प्रकृति के बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध के 416 मामले दर्ज किए गए.
कुल मिलाकर NCRB की ताजा रिपोर्ट कहती है कि बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं. वर्ष 2022 में बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध के 1,823 मामले दर्ज किए गए थे. ये मामले पिछले वर्ष की तुलना में 32 प्रतिशत अधिक थे. वर्ष 2021 में इस तरह के मामलों की कुल संख्या 1,376 थी.
वहीं, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, साइबर स्टॉकिंग या धमकाने के 158 मामले और अन्य प्रकृति के बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध के 416 मामले दर्ज किए गए, जबकि साइबर पोर्नोग्राफी, अश्लील यौन सामग्री होस्ट करने या प्रकाशित करने के 1,171 मामले सामने आए हैं.
कोरोना के दौरान भी सामने आए मामले
विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड महामारी के दौरान जब दुनिया भर के करोड़ों बच्चे (छात्र-छात्राएं) ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने के लिए मजबूर थे तो इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण प्रवृत्ति को बल मिला. रिपोर्ट के अनुसार, बच्चों के लिए ऑफलाइन व्यवस्था भी सुरक्षित नहीं है.
वर्ष 2022 में बच्चों के खिलाफ 1,62,449 अपराध दर्ज किए गए. इस तरह पिछले साल हर घंटे बच्चों के खिलाफ औसतन 18 अपराध हुए. वर्ष 2021 की तुलना में बच्चों के खिलाफ अपराधों में 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
90% मामले यौन कृत्यों से जुड़े
रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2020 में बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध में 400 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इस दौरान कुल 842 मामले सामने आए, जिनमें में से 738 मामले यानी 90 प्रतिशत यौन कृत्यों से जुड़े थे.
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महाराष्ट्र के बाद दिल्ली में सबसे अधिक केस
विश्लेषण से पता चला कि बच्चों के खिलाफ होने वाले सभी अपराधों में से लगभग आधे पांच राज्यों में हैं. इनमें महाराष्ट्र में 12.8, मध्य प्रदेश में 12.6, उत्तर प्रदेश में 11.5, राजस्थान में 5.8 और पश्चिम बंगाल में 5.5 प्रतिशत हैं. अपराध दर यानी प्रत्येक एक लाख की आबादी पर अपराध के मामलों की संख्या दिल्ली में सबसे अधिक थी.
इंटरनेट को और सुरक्षित तंत्र बनाने की जरूरत
जानकारों की मानें तो इंटरनेट को फिर से बच्चों के लिए एक सुरक्षित स्थान बनाने और अपराधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए एक मजबूत और कठोर तंत्र की आवश्यकता है। आधुनिक जीवन शैली के लिए इसे लागू करना जरूरी है.
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