Chinese Economy: धीमी अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) और तमाम नेता कई कोशिशें कर रहे हैं.
Chinese Economy: चीन को लेकर बड़ी जानकारी सामने आ रही है. छोटे-छोटे देशों को ऋण जाल में फंसाने वाला चीन की अर्थव्यवस्था बेहद धीमी हो चुकी है. इसे लेकर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत सभी नेताओं के होश उड़ गए हैं.
धीमी अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) और तमाम नेता कई कोशिशें कर रहे हैं. शी जिनपिंग ने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की 75वीं स्थापना वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित कार्यक्रम में देश को मजबूत बनाने का आह्वान दोहरा चुके हैं.
राष्ट्रीय दिवस पर नहीं हुई सैन्य परेड
बता दें कि 1 अक्टूबर को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का 75वां स्थापना दिवस मनाया गया. इस दौरान बेहद हैरान करने वाला नजारा सामने आया. राष्ट्रीय दिवस की 60वीं और 70वीं वर्षगांठ की तरह चीन की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन या भव्य सैन्य परेड नहीं हुई. चीन की राजधानी बीजिंग के चीनी सम्राटों का निवास स्थान तियानमेन चौक पर सिर्फ ध्वजारोहण समारोह हुआ.
इसी दिन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने संदेश बहुत बड़ा दिया. इससे एक दिन पहले भी उन्होंने आदर्श व्यक्तियों को सर्वोच्च राजकीय सम्मान देते हुए भी उन्होंने यही बात कही. उन्होंने सभी से देश को मजबूत बनाने का आग्रह किया. दरअसल, कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि चीन की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतर चुकी है. इसमें कहा गया कि घटती जन्म दर, आपूर्ति और निर्यात से चीन की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा.
COVID-19 महामारी से पड़ा गंभीर असर
बता दें कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन को COVID-19 महामारी के बाद गति हासिल करने के लिए संघर्ष करना पड़ा है. लंबे समय तक संपत्ति में गिरावट के कारण अर्थव्यवस्था के कई पहलुओं पर गंभीर असर पड़ा. निर्माण से लेकर घरेलू उपकरणों की बिक्री भी कम हो गई है. चीन की सरकार इससे निपटने के लिए और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं को घोषणा कर रही.
इसमें कम ब्याज दरें और कम डाउन पेमेंट जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं. शी जिनपिंग और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party) के नेता महामारी के बाद से बड़े पैमाने पर विदेश यात्रा से परहेज कर रहे हैं. सरकार में बड़े अधिकारियों की छंटनी भी जारी है. 75वां स्थापना दिवस के मौके पर हुए डिनर पार्टी में शी जिनपिंग ने कहा था कि हमें शांति के समय में सतर्क रहना चाहिए और आगे की योजना बनानी चाहिए.
यह भी पढ़ें: Pakistan में दो दुश्मन मिला सकते हैं हाथ! जानें क्यों भारत के पड़ोसी मुल्क में बढ़ गई सियासी हलचल
पड़ोसियों के साथ भी बढ़ रहे हैं तनाव
बता दें कि चीन लंबे समय से अपने पड़ोसियों के साथ भी तनाव की स्थिति में है. जापान, दक्षिण कोरिया और फिलीपींस के साथ उसके तनाव बढ़ते ही जा रहे हैं. ताइवान को भी लेकर चीन अमेरिका से टकरा रहा है. चीन इस बात पर जोर दे रहा है कि ताइवान को कम्युनिस्ट पार्टी के शासन के तहत किसी भी हाल में मिला लिया जाना चाहिए. वहीं अमेरिका ताइवान को हथियार दे रहा है.
वहीं अमेरिका ताइवान को हथियार दे रहा है. गौरतलब है कि चीन के सैन्य निर्माण और हाल में प्रशांत महासागर में परमाणु क्षमता संपन्न बैलिस्टिक मिसाइल दागने से तनाव अपने चरम पर है. शी जिनपिंग ने कार्यकाल सीमा समाप्त करके और प्रमुख सरकारी और पार्टी पर अपनी शक्ति बढ़ाकर खुद को आजीवन नेता बना लिया है. चीन किसी भी प्रतिस्पर्धी चुनाव की अनुमति नहीं देता है और पार्टी अपने 1.4 बिलियन लोगों को सूचित करने वाले मीडिया पर लगभग पूर्ण नियंत्रण रखती है.
यह भी पढ़ें: Israel पर बढ़े हमले, Nasrallah का शुक्रवार को निकलेगा जनाजा, जानें क्या हैं Middle-East में हालात