Home National Sonam Wangchuk को किया रिहा, लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा दिलाने के लिए आए थे दिल्ली

Sonam Wangchuk को किया रिहा, लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा दिलाने के लिए आए थे दिल्ली

by Sachin Kumar
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Sonam Wangchuck Released : सोनम वांगचुक अपने सहयोगियों के साथ राजधानी में आ रहे थे लेकिन दिल्ली पुलिस ने पहले निषेधाज्ञा लगाई और उसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया. लेकिन अब उन्हें रिहा कर दिया गया है.

03 October, 2024

Sonam Wangchuck Released : जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuck) और उनके सहयोगियों को दिल्ली पुलिस ने नजरबंद कर दिया गया था. लेकिन अब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) ने गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि बुधवार की रात वांगचुक को हिरासत से रिहा कर दिया गया है. तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में सभाओं और विरोध प्ररदर्शन पर लगी रोक संबंधी आदेश को भी वापस ले लिया गया है. सॉलिसिटर जनरल ने यह बात चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ के सामने कही है.

लद्दाख को छठी अनुसूची में डालने की मांग

चीफ जस्टिस मनमोहन (Chief Justice Manmohan) और जस्टिस तुषार राव गेडेला (Justice Tushar Rao Gedela) की बेंच सोनम वांगचुक की रिहाई के अनुरोध और निषेधाज्ञा को चुनौती देने के वाली याचिकाओं पर सुनवाई की. इस याचिका में वांगचुक और उनके सहयोगियों के खिलाफ हिरासत को लेकर हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिस पर हाई कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि बुधवार की रात ही दिल्ली पुलिस ने रिहा कर दिया है. मामला यह है कि वांगचुक समेत लद्दाख के करीब 120 लोगों के साथ सोमवार की रात लद्दाख के लिए छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर राजधानी में पैदाल मार्च करते हुए आ रहे थे, उस दौरान दिल्ली पुलिस ने सीमा पर ही हिरासत में ले लिया.

क्या बोले सॉलिसिटर जनरल?

आपको बताते चले कि संविधान में छठी अनुसूची त्रिपुरा, मेघालय, असम और मिजरोम जैसे राज्यों के प्रशासन से जुड़ा है. वहीं, वांगचुक ने लद्दाख को भी इसी सूची में डालने के लिए लेह से ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ अभियान को पूरा करने के लिए दिल्ली पहुंचे थे. वहीं, SG ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली में निषेधात्मक 30 सितंबर को लगाई गई थी, लेकिन अब उसे वापस ले लिया गया है और जहां तक सोनम वांगचुक की हिरासत वाली बात है वह वास्तव में हिरासत नहीं थी, बल्कि वह बाहर ही थे. सॉलिसिटर ने कहा कि जब तक वे किसी कानूनी प्रावधान का उल्लंघन नहीं करते हैं तब तक उनकी आवाजाही पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है.

यह भी पढ़ें- Sadhguru Jaggi Vasudev के Isha Foundation को बड़ी राहत, SC ने कार्रवाई पर लगाई रोक

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