Who is Mark Rutte: मार्क रूटे इन दिनों काफी चर्चाओं में बने हुए हैं और यह इसलिए हो रही है क्योंकि वह इसी महीने नाटो के महसचिव पद पर विराजमान होने जा रहे हैं. इससे पहले वह नीदरलैंड के प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं.
01 October, 2024
Who is Mark Rutte: नीदरलैंड के प्रधानमंत्री पद पर रहे मार्क रूटे (Mark Rutte) इसी महीने में जेन्स स्टोलटेनबर्ग की जगह उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के अगले महासचिव बनने जा रहे हैं. मार्क रूटे नीदरलैंड के काफी लंबे समय से प्रधानमंत्री पद पर रहे हैं और अब वह इस पद को छोड़कर नाटो की बड़ी जिम्मेदारी के लिए आगे बढ़ रहे हैं. रूटे को नाटो में महासचिव की जिम्मेदारी ऐसे समय में मिल रही है जब रूस-यूक्रेन युद्ध चरम पर है और जिओ-पॉलिटिक्स के समय तनाव और सुरक्षा चुनौतियों से निपट रहा है.
पिछली जुलाई में दिया था पीएम पद से इस्तीफा
मार्क रूटे पहली बार साल 2010 में नीदरलैंड के प्रधानमंत्री पद पर विराजमान हुए थे और उसके बाद देश में माइग्रेशन को रोकने के तरीके पर चार पार्टियों के गठबंधन टूटने पर लगभग 14 साल बाद पिछली जुलाई में अपने पद से इस्तीफा दे दिया. रूटे ने गठबंधन सरकार में अपने कार्यकाल के दौरान सरकारों के मैनेजमेंट और जटिल अंतरराष्ट्रीय मामलों को सुलझाने में एक स्थिरता प्रदर्शन करके दिखाया था. इसके बाद वह 32 सदस्यीय सैन्य देशों वाले गठबंधन का बड़ा चेहरा बन गए हैं. 57 वर्षीय रूटे की राजनीतिक पहचान बड़े घोटाले से निपटने के लिए भी होती है, इन्हीं कई कार्यों की वजह से उन्हें ‘टेफ्लॉन मार्क’ का नाम मिला.
4 पार्टियों के साथ गठबंधन सरकार चलाने का अनुभव
NATO के महासचिव बनने वाले रूटे ने 4 विभिन्न गठबंधन की सरकारों का नेतृत्व किया है और उन्होंने इस दौरान अपनी कार्य कुशलता से संतुलन सरकार चलाई है. प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए रूटे ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के खिलाफ रक्षा करने के अधिकार के समर्थक रहे हैं. यूरोपीय संकट के दौरान उनके नेतृत्व ने उन्हें प्रशंसा और आलोचना दोनों का पात्र बनाया है. खासकर उन्हें यूरोपीय संघ के बेलआउट के विरोध के लिए ‘मिस्टर नो’ भी नाम मिला है. इसके बाद भी यूरोपीय संघ के राज्यों के साथ आम सहमति प्राप्त की है.
मिस्टर नॉर्मल के लिए जाने जाते हैं रूटे
अगर हम जनता की नजर में मार्क रूटे की बात करें तो उन्हें मिस्टर नॉर्मल के नाम से जाना जाता है, जो भरोसेमंद व्यक्ति और पारंपरिक डच मूल्यों को समर्पित करता है. इसके अलावा उनकी पर्सनली चीजें जैसे कि साइकिल से पार्लियामेंट जाना, राजनीतिक घोटालों और विवादों की चुनौतियों का सामना किया और साथ ही उनकी पॉलिटिक्स में हमेशा लचीलापन रहा है.
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