150 Year Old Kolkata Tram Service : पश्चिम बंगाल में 150 वर्षों से आम लोगों को सेवा देती आ रही ‘ट्राम’ को बंद करने के लिए ममता सरकार की तरफ से फरमान आने के बाद विवाद बढ़ गया है.
27 September, 2024
150 Year Old Kolkata Tram Service : पश्चिम बंगाल की ममता सरकार (Mamata Government) जल्द मैदान से एस्प्लेनेड तक के हेरिटेज रूट को छोड़कर 150 साल पुरानी ट्राम सेवा को जल्द बंद करने पर विचार कर रही है. हालांकि अभी तक इसे बंद करने की तारीख का एलान नहीं किया गया है. ट्रैफिक से जुड़े मुद्दों का हवाला देते हुए बंगाल सरकार का कहना है कि मैदान से एस्प्लेनेड तक के हेरिटेज रूट को छोड़कर बाकी सभी जगहों पर ट्राम सेवा को रोक दिया जाएगा.
ट्राम बंद करने की सरकार ने बताई यह वजह
ट्राम सेवा रोकने मुद्दे पर लोगों ने ममता सरकार का विरोध करना शुरू कर दिया है. मामले पर लोगों ने कहा कि 150 साल पुरानी ट्राम सेवा कोलकाता के कल्चर का प्रतीक है और इसे आम आदमी से लेकर सैलानी तक सब पसंद करते हैं. इसके अलावा कई लोगों के रोजगार को भी चलाने का काम करता है. कलकत्ता ट्राम यूजर्स एसोसिएशन के सदस्य महादेव शितुम ने कहा कि यह न केवल कोलकाता की विरासत है बल्कि ट्रैफिक समाधान भी है. उन्होंने कहा कि हम मंत्री से सुन रहे हैं कि कोलकाता शहर से ट्राम सेवा बंद करने की योजना पर विचार कर रहे हैं और वह इस बंद करने के पीछे दो-तीन कारण बता रहे हैं, जिसमें सबसे बड़ा मुद्दा ट्राम धीमी गति से चलना और इसके कारण ट्रैफिक होता है.
तेज रफ्तार से चलने वाले वाहनों का सहारा ले रहे हैं लोग
पश्चिम बंगाल ने ट्राम सेवा को बंद करने के पीछे का तर्क दिया कि भीड़भाड़ इलाकों में अधिक जाम लग जाता है. साथ ही राज्य सरकार का यह भी कहना है कि पिछले कुछ समय से कम लोग ही सफर करने के लिए ट्राम का इस्तेमाल कर रहे हैं. सरकार का मानना है कि ट्राम धीमी रफ्तार से चलते हैं और ऐसे में लोग सफर करने के लिए तेज रफ्तार से चलने वाले वाहन का सहारा ले रहे हैं. हालांकि ट्राम एसोसिएशन के सदस्य सरकार के द्वारा दिए गए तर्क से सहमत नहीं हैं. बता दें कि भारत में ट्राम की शुरूआत पहली बार 1873 में घोड़ा-गाड़ी के तौर पर हुई थी और इसके बाद 1902 से बिजली से चलने लगी. लंबे अरसे बाद भी कोलकाता ट्राम सिस्टम वाला इकलौता भारतीय शहर बना हुआ है.
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