Minimum Wages Increased In Delhi: CM आतिशी (Atishi) ने बताया कि स्किल्ड यानी कुशल, अनस्किल्ड यानी अकुशल और सेमी स्किल्ड यानी अर्ध-कुशल श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी करने का एलान किया है.
Minimum Wages Increased In Delhi: दिल्ली में कुछ महीनों में चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने बड़ा काम करने वाले श्रमिकों को बड़ा गिफ्ट दिया है.
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी (Atishi) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि दिल्ली सरकार ने स्किल्ड यानी कुशल, अनस्किल्ड यानी अकुशल और सेमी स्किल्ड यानी अर्ध-कुशल श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी करने का एलान किया है.
दिल्ली सरकार के श्रम मंत्री मुकेश अहलावत ने लिया फैसला
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात का एलान किया. उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने स्किल्ड यानी कुशल, अनस्किल्ड यानी अकुशल और सेमी स्किल्ड यानी अर्ध-कुशल श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है.
अनस्किल्ड यानी अकुशल, सेमी स्किल्ड यानी अर्ध-कुशल और स्किल्ड यानी कुशल श्रमिकों के न्यूनतम वेतन क्रमश: 18,066 रुपये, 19,929 रुपये और 21,917 रुपये करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि हमारे श्रम मंत्री मुकेश कुमार अहलावत (Mukesh Kumar Ahlawat) ने न्यूनतम वेतन बढ़ाने का निर्णय लिया.
उपराज्यपाल ने मजदूरी को बढ़ाने से रोका : आतिशी
आतिशी ने दिल्ली सरकार की ओर से न्यूनतम मजदूरी में की गई वृद्धि को रोकने के लिए भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने दिल्ली में देश में सबसे अधिक न्यूनतम मजदूरी लागू की. देश के गरीब लोग न्यूनतम मजदूरी लेते हैं.
उनके शोषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने देश में सबसे अधिक न्यूनतम मजदूरी बढ़ाई. BJP हमेशा गरीब विरोधी रही है. उन्होंने आगे कहा कि जब अरविंद केजरीवाल की सरकार ने साल 2016-17 में न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने की बात कही थी, तो BJP ने उपराज्यपाल के माध्यम से इसे रोकने की कोशिश की थी.
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‘BJP ने न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने का विरोध किया’
आतिशी ने आगे कहा कि उस समय अरविंद केजरीवाल सरकार को न्यूनतम मजदूरी में की गई वृद्धि को लागू करने के लिए न्यायालय से आदेश लेना पड़ा था और यह प्रावधान करना पड़ा था कि महंगाई भत्ते की तरह न्यूनतम मजदूरी में भी साल में दो बार वृद्धि होना जरूरी है. BJP ने इसका कड़ा विरोध किया था, लेकिन अरविंद केजरीवाल की सरकार ने दिल्ली की जनता के पक्ष में इस पर निर्णय लेने के लिए न्यायालय में लड़ाई लड़ी.
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर यदि BJP शासित राज्यों के न्यूनतम वेतन की तुलना दिल्ली से करें, तो वहां न्यूनतम वेतन बहुत कम है. BJP गरीब विरोधी है. अपने राज्यों में वह न्यूनतम वेतन नहीं बढ़ाते और दिल्ली में भी इसे रोकने की कोशिश करते हैं.
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