'एक आंसू भी हुकूमत के लिए खतरा है', पढ़िये मुनव्वर राना के मशहूर शेर. 

अब जुदाई के सफर को मिरे आसान करो,   तुम मुझे ख्वाब में आ कर न परेशान करो.

जुदाई के सफर

तुम्हारी आंखों की तौहीन है जरा सोचो, तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है.

आंखों की तौहीन

चलती फिरती हुई आंखों से अजां देखी है, मैं ने जन्नत तो नहीं देखी है मां देखी है.

चलती फिरती

इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है, मां बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है.

मेरे गुनाहों को

 जब भी कश्ती मिरी सैलाब में आ जाती है, मां दुआ करती हुई ख्वाब में आ जाती है.

कश्ती मिरी सैलाब

एक आंसू भी हुकूमत के लिए खतरा है, तुम ने देखा नहीं आंखों का समुंदर होना.

आंसू भी हुकूमत