19 January 2024
मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है। सुरक्षाबलों को निशाना बनाया जा रहा है। लगातार हिंसक घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। मणिपुर सरकार को ये आशंका है, कि सभी हिंसक घटनाओं के पीछे म्यांमार स्थित आतंकवादियों का हाथ हो सकता है। मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने कहा, कि मोरेह शहर में जो तीन कमांडो टुकड़ियां हैं, उनकी मौजूदा तैनाती सही नहीं है। वो कभी भी हमले का शिकार हो सकते हैं। ऐसे में बुधवार को हुए उग्रवादी हमले के बाद अब सभी को शहर के अन्य इलाकों में तैनात करने का फैसला लिया गया है।
कमांडो ऊंचे इलाकों में तैनात
गुरुवार को तलहटी के पास उग्रवादी हमले में पिता-पुत्र समेत 4 लोगों की मौत हो गई थी। बुधवार को भी पुलिस कमांडो को निशाना बनाया गया था। जिसमें दो लोगों कि जान चली गई थी। कुलदीप सिंह ने कहा कि कुकी उग्रवादियों ने कमांडो चौकियों पर गोलीबारी शुरू कर दी। बड़ी बात ये है कि अभी जो कमांडो तैनात हैं, वो निचले हिस्सों में हैं। उग्रवादी ऊंची जगहों से हमला कर रहे हैं। जिसे देखते हुए अब कमांडो को ऊंचे इलाकों पर तैनात करने का फैसला लिया गया है। सिंह ने ये भी कहा कि आशंका जताई जा रही है, कि म्यांमार के कुछ आतंकवादी मिलकर कर रहे हैं, लेकिन इसका हमारे पास फिलहाल कोई सबूत नहीं है।
उग्रवादियों के खिलाफ अभियान शुरु
सुरक्षा सलाहकार सिंह के मुताबिक उग्रवादियों के खिलाफ अभियान गुरुवार से ही शुरू कर दिया गया था। सुरक्षा बल की एक टुकड़ी और सेना की दो टुकड़ियों समेत बाकि सभी बलों को मोरेह भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि ये कदम इसलिए उठा गया है, ताकि सभी सुरक्षा बल उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकें, और हो रहे हमले को रोका जो सकें।
ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन शुरु
गुरुवार को मारे गए ग्रामीणों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए इंफाल के रिम्स अस्पताल भेजा गया। ग्रामीणों की हत्या के बाद दक्षिणी भाग में निंगथौखोंग बाजार और उसके आसपास के इलाकों में तनाव पैदा हो गया है। ऐसे में अब लोगों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है, जिसमें ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं। बता दें कि उग्रवादी हमले में पिता-पुत्र सहित 4 लोगों की मौत हो गई थी।