Kangana Ranaut Emergency Movie : इमरजेंसी मूवी रिलीज होने से पहले ही विवादों में आ गई है. अब चंडीगढ़ कोर्ट ने कंगना रनौत और उनके साथियों को नोटिस जारी करके जवाब तलब करने के लिए कहा है.
18 September, 2024
Kangana Ranaut Emergency Movie : एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की मूवी ‘इमरजेंसी’ (Emergency) रिलीज होने से पहले ही विवादों में बन गई है अब चंडीगढ़ कोर्ट ने नोटिस भेजा है. बताया जा रहा है कि सिखों की छवि खराब करने के आरोप में एक शिकायत की गई थी जिसपर कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. चंडीगढ़ जिला अदालत ने मंगलवार को अधिवक्ता रविंदर सिंह बस्सी (Ravinder Singh Bassi) की तरफ से याचिका दायर की गई जिसके आधार पर यह नोटिस भेजा गया है. प्रतिवादी की तरफ से जवाब दाखिल करने के लिए 5 दिसंबर तक समय दिया गया है.
पूर्व जत्थेदार के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए
अधिवक्ता रविंदर सिंह बस्सी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि कंगना रनौत समेत अन्य प्रतिवादियों ने इमरजेंसी मूवी में सिखों की छवि खराब करने की कोशिश की है और विशेष रूप से अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार को आतंकवादी के रूप में दिखाने की कोशिश की गई है. उन्होंने आगे कहा कि आरोपियों ने उचित तथ्यों का अध्ययन नहीं किया है और सिखों की बुरी स्थिति को चित्रित किया गया है. उन्होंने कहा कि सिखों की सर्वोच्च लौकिक सीट के खिलाफ गलत और झूठे आरोप लगाने का प्रयास किया गया है, फिल्म के ट्रेलर में दिखाया गया है कि श्री अकाल तख्त साहिब (Sri Akal Takht Sahib) के मौजूदा जत्थेदार अलग राज्य की मांग कर रहे थे लेकिन यह पूरी तरह से गलत है. यह श्री अकाल तख्त साहिब और सिखों की छवि करने के लिए किया गया है.
सिखों की छवि बदनाम करने का प्रयास किया
दायर याचिका में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि सिख समुदया और साक्षी भावनाओं को आरोपियों ने अपने कृत्य से बदनाम करने का काम किया है. याचिका में यह भी कहा गया है कि इमरजेंसी मूवी की एक्ट्रेस, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर ने जिस ट्रेलर को सोशल मीडिया पर जारी किया है वह एक परेशान करने वाली शख्स हैं और कई बार अल्पसंख्यकों के खिलाफ भड़काऊ बयान दिया है और इससे दो समुदाय के बीच में मतभेद होने की संभावना भी हुई है.
विभिन्न धाराओं में दर्ज हुआ मामला
कंगना रनौत और उनके दो साथियों के खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 196(1) धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सद्भाव बनाए रखने के लिए पूर्वाग्रहपूर्ण कार्य करना), 197(1) (झूठी या भ्रामक जानकारी बनाने या प्रकाशित करने की सजा जो भारत की संप्रभुता, एकता, अखंडता या सुरक्षा को खतरे में डाल सकती है), 299 (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा) और 302 (किसी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर शब्द आदि बोलना) जैसी विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
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