Delhi Election and Chief Minister History: शीला दीक्षित तीन बार और अरविंद केजरीवाल तीन बार मुख्यमंत्री बने. वहीं, 1993 के पहले चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी दिल्ली की सत्ता में कभी वापसी नहीं कर सकी.
Delhi Election and Chief Minister History: देश की राजधानी दिल्ली में इस वक्त सियासत जोरों पर हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल में अपने इस्तीफे का एलान कर दिया है. उनकी जगह अब दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी (Atishi) दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री बनेंगी. बता दें कि दिल्ली की सियासत अपने आप में खास है.
बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली में अब तक 7 बार चुनाव हुए हैं. इसमें सबसे ज्यादा कांग्रेस ने चार बार, आम आदमी पार्टी ने तीन बार (एक बार कांग्रेस के साथ मिलकर) और भारतीय जनता पार्टी ने एक बार सरकार बनाई है. वहीं, शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) तीन बार और अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) तीन बार मुख्यमंत्री बने. वहीं, 1993 के पहले चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) दिल्ली की सत्ता में कभी वापसी नहीं कर सकी.
1952 में हुआ था पहला विधानसभा चुनाव
बता दें कि, दिल्ली में पहला विधानसभा का चुनाव साल 1952 में हुआ. साल 1967 से लेकर 1992 तक दिल्ली में विधानसभा भंग रही. तब तक सिर्फ महानगर परिषद के लिए चुनाव लड़े जा रहे थे. साल 1993 में नई गठित विधानसभा के लिए चुनाव हुआ. इस चुनाव में BJP ने बाजी मारी. BJP की ओर से मदनलाल खुराना दिल्ली के मुख्यमंत्री नियुक्त किए गए.
मदनलाल खुराना ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के वादे पर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की. इस चुनाव में BJP को ने 70 में से 49 सीटें मिली और वोट शेयर 42.80 फीसदी थे. वहीं, कांग्रेस को 34.50 और जनता दल को 12.60 फीसदी वोट शेयर मिले. मदनलाल खुराना 26 फरवरी 1996 तक ही मुख्यमंत्री पद पर रह सके. उनकी जगह BJP ने साहिब सिंह वर्मा सीएम बनाए गए, लेकिन चुनाव से पहले उनको भी हटा दिया गया और दिल्ली की कमान 12 अक्टूबर 1998 को सुषमा स्वराज को दी गई.
प्याज की महंगाई ने BJP को किया दूर
इसके बाद अगले चुनाव में प्याज की महंगाई ने भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से दूर कर दिया. साल 1998 में कांग्रेस से शीला दीक्षित ने जीत हासिल की. इस चुनाव में कांग्रेस को 52, BJP को 15, निर्दलीय को दो और जनता दल को सिर्फ एक सीट मिली. इसके बाद 2003 और 2008 के चुनाव में शीला दीक्षित ने अपने नेतृत्व में कांग्रेस (Congress) को जीत दिलाई. 2003 में कांग्रेस को 47 और BJP को 20 सीटें मिली थी.
वहीं, 2008 में हुए चुनाव में कांग्रेस को 43, BJP को 23 और बहुजन समाज पार्टी को दो सीटें मिली थी. इसके बाद दिल्ली में कांग्रेस के विजय रथ पर ब्रेक लग गया. नई नवेली आम आदमी पार्टी ने 2013 के चुनाव में शानदार प्रदर्शन कर सभी को हैरान कर दिया. हालांकि, इस चुनाव में किसी को भी स्पष्ट बहुमत नहीं मिला. 31 सीटों के साथ BJP सबसे बड़ी पार्टी बनी और AAP को 28 सीटों पर जीत मिली. कांग्रेस को महज 8 सीटों पर ही सिमट गई.
यह भी पढ़ें: Jammu-Kashmir में SP ने कसी कमर, चुनावी रण में 20 प्रत्याशियों के नामों का किया एलान
AAP की ओर से दूसरी CM बनेंगी आतिशी
स्पष्ट बहुमत न मिलने पर AAP (Aam Aadmi Party) और कांग्रेस ने गठबंधन की सरकार बनाई, लेकिन गठबंधन की सरकार सिर्फ 49 दिन तक ही चल सकी. इसके बाद 2015 में एक बार फिर से चुनाव हुए. इस चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने इतिहास रच दिया. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में AAP ने प्रचंड बहुमत हासिल किया. इस चुनाव में AAP ने 70 में से 67 सीटें जीती और BJP-कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया.
अरविंद केजरीवाल दोबारा दिल्ली के मुख्यमंत्री बने. 2020 के चुनाव तक AAP प्रमुख पार्टी बन चुकी थी. 2020 में 70 विधानसभा सीटों पर AAP ने 62 सीटें जीती. वहीं, BJP सिर्फ 8 सीटों पर सिमटकर रह गई. दूसरी तरफ कांग्रेस का एक बार फिर सूपड़ा साफ हो गया और वह कोई भी सीट नहीं जीत सकी. अरविंद केजरीवाल तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने. अब उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने का एलान कर दिया है. अब आतिशी AAP की ओर से दूसरी CM बनेंगी.
यह भी पढ़ें: 17 सितंबर को PM Modi मनाएंगे 74वां बर्थडे, जानें इसी दिन इस्तीफा क्यों देंगे Arvind Kejriwal