Eid Milad Un Nabi 2024: ईद-ए-मिलाद उल नबी मुस्लिम समुदाय का एक अहम पर्व है. आइए जानते हैं कि इसे खुशी और गम दोनों रूप में क्यों मनाया जाता है?
15 September, 2024
Eid Milad Un Nabi 2024: ईद-ए-मिलाद उल नबी मुस्लिम समुदाय (Muslim community) का एक अहम त्योहार है. इस खास पर्व को मिलाद-उल-नबी या ईद उल मिलादुन्नबी भी कहा और लिखा जाता है. इस खास दिन को इस्लाम धर्म के आखिरी पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम (prophet Hazrat Muhammad Sallallahu Alaihi Wasallam) के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. इस दिन लोग पैगंबर मुहम्मद (Prophet Muhammad) के जीवन के साथ-साथ उनकी शिक्षाओं को भी याद करते हैं.
ईद उल मिलादुन्नबी कब मनाया जाता है (Eid Milad Un Nabi 2024 Date)
ईद मिलादुन्नबी का पर्व रबी-उल-अव्वल (Rabi al Awwal) के 12वें दिन मनाया जाता है. इस्लामिक कैलेंडर (Islamic Calendar) के मुताबिक, रबी-उल-अव्वल साल का तीसरा महीना होता है. बुधवार (4 सितंबर, 2024) को भारत में रबीउल अव्वल का चांद (Rabi al Awwal Moon) नजर आया. चांद का दीदार होने के साथ ही इस पाक (Rabi al Awwal) महीने की शुरुआत हो गई है. इसके बाद (16 सितंबर 2024) को अकीदत के साथ हजरत मुहम्मद की विलादत (पैदाइश) ईद मिलादुन्नबी के पर्व के रूप में मनाया जाएगा. वैसे तो रबीउल अव्वल की पहली तारीख से ही मस्जिदों में जलसे (जश्न) के दौर की शुरुआत हो जाती है. मुस्लिम ग्रंथों के मुताबिक, अल्लाह की इबादत की जाती है और कुरआन-ए-पाक की तिलावत (पढ़ना) की जाएगी.
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खुशी या गम का पर्व होता है ईद मिलाद-उन-नबी?
बताया जाता है कि रबी-उल-अव्वल की 12वीं तारीख को ही इस्लाम के आखिरी पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का जन्म हुआ था. यही वजह है कि यह दिन एक खुशहाल पर्व के तौर पर मनाया जाता है, लेकिन दूसरी ओर यह शोक का भी दिन होता है, क्योंकि इसी तारीख को पैगंबर मुहम्मद का इंतकाल हुआ था. इसलिए इसे खुशी और गम दोनों का ही पर्व बताया जाता है.
12 Rabi al Awwal क्यों कहते हैं?
इस्लामिक कैलेंडर Islamic Calendar) के मुताबिक, रबी-उल-अव्वल साल का तीसरा महीना होता है और इस महीने में 12वें दिन यह पर्व मनाया जाता है. इसलिए ही इस पर्व को 12 रबी-उल-अव्वल (Rabi al Awwal) भी कहा जाता है.
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