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Zorawar ने दिखाई ताकत, रेगिस्तान में बरसाए गोले; LAC पर अब चीन की खैर नहीं !

by Divyansh Sharma
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Zorawar ने दिखाई ताकत, रेगिस्तान में बरसाए गोले; LAC पर अब चीन की खैर नहीं !- Live Times

Indian Light Tank Zorawar: रक्षा मंत्रालय ने कहा कि DRDO ने 13 सितंबर को भारतीय हल्के टैंक जोरावर का शुरुआती ऑटोमोटिव ट्रायल किया. इसे ऊंचाई वाले इलाकों में चीन की सीमा LAC (Line of Actual Control) पर तैनात किया जा सकेगा.

Indian Light Tank Zorawar: भारत सीमावर्ती क्षेत्रों अपनी ताकत में लगातार इजाफा कर रहा है. चीन की सीमा LAC (Line of Actual Control) पर भारत अपने हल्के टैंक को तैनात करने की तैयारी में है.

इसी क्रम में राजस्थान के जैसलमेर में भारतीय लाइट टैंक ‘जोरावर’ का ऑटोमोटिव परीक्षण किया गया. डेवलपमेंटल फील्ड फायरिंग ट्रायल का पहला चरण सफल हुआ. फील्ड ट्रायल के दौरान टैंक ने रेगिस्तानी इलाकों में उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया है.

रेगिस्तान समेत कई जगहों पर किया शानदार प्रदर्शन

रक्षा मंत्रालय ने भी इन टैंकों की खासियत बताई है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि टैंक ने रेगिस्तान समेत कई जगहों पर शानदार प्रदर्शन किया है. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (Defence Research & Development Organisation) और L&T डिफेंस ने मिलकर 25 टन वजनी टैंक को बनाया है. इसे हवा के रास्ते कहीं पर भी आसानी से ले जाया जा सकेगा.

जानकारी के मुताबिक इसे मुख्य रूप से चीन के साथ सीमा पर तुरंत तैनाती के लिए तैयार किया जा रहा है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि DRDO ने 13 सितंबर को भारतीय हल्के टैंक जोरावर का शुरुआती ऑटोमोटिव ट्रायल किया. इसे ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात किया जा सकेगा. इसकी तारीफ करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय हल्के टैंक के सफल ट्रायल को अहम डिफेंस सिस्टम और तकनीक में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर बताया है.

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पहाड़ी इलाकों में तेजी से चल सकता है यह टैंक

जानकारी के मुताबिक, यह टैंक पहाड़ी इलाकों में तेजी से चल सकता है. इन टैंकों में पावर और सेफ्टी फीचर्स भी काफी ज्यादा हैं. सीमावर्ती इलाकों में तैनाती के लिए जोरावर में सभी पैरामीटर मिल रहे हैं. सेना को सौंपे जाने के बाद इन टैंकों को इंडियन एयरफोर्स के C-17 ग्लोब मास्टर विमान के जरिए तैनाती वाली जगहों पर आसानी से ले जाया जाएगा. खास बात हैकि एक बार में 2 टैंक ले जाए जा सकेंगे.

ऐसे में लद्दाख जैसे हाई एल्टिट्यूड वाले इलाकों में सेना की ताकत की ताकत में इजाफा हो जाएगा. बता दें कि अभी लद्दाख जैसे हाई एल्टिट्यूड वाले इलाकों T-72 और T-90 टैंक तैनात हैं. इन टैंकों की जगह जोरावर लेगा. रक्षा मंत्रालय की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, भारतीय सेना 350 से ज्यादा हल्के टैंकों की तैनाती पर विचार कर रही है. इनमें से ज्यादातर टैंकों को पहाड़ी सीमावर्ती इलाकों में तैनात किया जाएगा.

क्या है जोरावर की खासियत ?

  • 25 टन वजन के साथ काफी हल्का है जोरावर
  • 105 मिमी से अधिक कैलिबर की लगी है गन
  • कैलिबर की गन से दागी जा सकती है एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल
  • ड्रोन के साथ ही बैटल मैनेजमेंट सिस्टम भी किया गया है इंस्टाल

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