India China Border Dispute: चीन ने कहा है कि गलवान घाटी समेत चीन-भारत सीमा (LAC) के पश्चिमी क्षेत्र में चार क्षेत्रों से दोनों देशों की सेना पीछे हट गई है.
India China Border Dispute: भारत-चीन सीमा पर गतिरोध जारी है. इस बीच बड़ी जानकारी सामने आ रही है. भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (S. Jaishankar) के बयान और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) की चीनी विदेश मंत्री वांग यी की मुलाकात के बाद चीन ने कहा है कि गलवान घाटी समेत चीन-भारत सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में चार इलाकों (Line of Actual Control) से दोनों देशों की सेना पीछे हट गई है. चीन-भारत सीमा (LAC) पर स्थिति आम तौर पर स्थिर और नियंत्रण में है. बता दें कि बेहद संवेदनशील पैंगोंग झील, गोगरा, हॉट स्प्रिंग के उत्तरी और दक्षिणी तट के इलाके से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट गई हैं.
‘नियंत्रण में है चीन-भारत सीमा पर सभी हालात’
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही है. सेंट पीटर्सबर्ग में भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री वांग यी के बीच द्विपक्षीय बैठक के बारे में और भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के बयान पर उनसे सवाल किया गया. पूछा गया कि क्या हम द्विपक्षीय संबंधों में दोनों देशों के बीच एक सफलता के करीब हैं, जो चार वर्षों से अधिक समय से अटका हुआ है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 12 सितंबर को निदेशक वांग यी ने सेंट पीटर्सबर्ग में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की. दोनों पक्षों ने सीमा मुद्दों पर हाल ही में हुई बातचीत में हुई प्रगति पर चर्चा की. उन्होंने आगे कहा कि दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी आम सहमति, आपसी समझ-विश्वास को बढ़ाने और द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने पर चर्चा हुई. साथ ही इस दिशा में संवाद बनाए रखने पर सहमति जताई गई. उन्होंने आगे कहा कि हाल के वर्षों में दोनों देशों की अग्रिम पंक्ति की सेनाओं ने चीन-भारत सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में चार क्षेत्रों में पीछे हटना महसूस किया है. इसमें गलवान घाटी भी शामिल है. चीन-भारत सीमा पर स्थिति आम तौर पर स्थिर और नियंत्रण में है.
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‘साल 2020 की घटना कई समझौतों का उल्लंघन’
बता दें कि NSA अजीत डोभाल ने कुछ दिन पहले रूस का दौरा किया. सेंट पीटर्सबर्ग में BRICS देशों के वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच द्विपक्षीय बैठक भी हुई थी. बैठक में दोनों पक्षों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी गतिरोध का जल्द समाधान खोजने पर बात की. दोनों देशों ने जल्द बचे क्षेत्रों में अपने प्रयासों को दोगुना करने पर सहमति व्यक्त की. द्विपक्षीय समझौतों, प्रोटोकॉल और सहमतियों का पूरी तरह से पालन करने पर जोर दिया. दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि भारत-चीन द्विपक्षीय संबंध न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि क्षेत्र और दुनिया के लिए भी महत्वपूर्ण हैं. वहीं, जयशंकर ने जिनेवा सेंटर फॉर सिक्योरिटी पॉलिसी में राजदूत जीन-डेविड लेविटे के साथ बातचीत के दौरान कहा की पहले हमारे बीच अच्छे संबंध नहीं थे. साल 2020 में जो हुआ, वह कई समझौतों का उल्लंघन था. चीन ने बड़ी संख्या में सैनिकों को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भेज दिया. हमने जवाब में अपने सैनिकों को आगे बढ़ाया. चीन के साथ सीमा वार्ता में कुछ प्रगति हुई है. 75 प्रतिशत समस्याएं सुलझ गई हैं. हमें अभी भी कुछ चीजें करनी हैं.
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