Ganpati Visarjan 2024: बप्पा की मूर्ति स्थापित करने के बाद इसका विसर्जन क्यों किया जाता है. आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण.
14 September, 2024
Ganpati Visarjan 2024: पूरे देश में गणेश उत्सव की धूम मची हुई है. यह पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के तौर पर मनाया जाता है. इस उत्सव के दौरान गणपति बप्पा की मूर्ति विराजमान की जाती है और विसर्जन के साथ ही यह पर्व खत्म हो जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर बप्पा की मूर्ति स्थापित करने के बाद इसका विसर्जन क्यों किया जाता है. आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह और विसर्जन के नियम.
गणपति विर्सजन का कारण (Ganpati Visarjan Katha)
पौराणिक कथानुसार, जब महाभारत को लिपिबद्ध करने के लिए महर्षि वेदव्यास ने गणपति का आह्वान किया था, तो बप्पा ने इसे लिखने से पहले एक शर्त रखी थी कि ‘जब मैं इसे लिखना शुरू करूंगा तो कलम नहीं रोकूंगा क्योंकि अगर कलम रुक गई तो मैं लिखना बंद कर दूंगा.’ तब वेग व्यास जी ने भगवान गणेश की इस बात को स्वीकार कर लिया था. इसके बाद व्यासजी ने गणपति को महाभारत सुनाना शुरू किया और बप्पा बिना रुके इसे लिखने लगे. फिर महाभारत की कथा 10 दिन में पूरी हुई, तो वेदव्यास जी देखा कि गौरी पुत्र के शरीर का टेंपरेचर बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है. इसके बाद उन्होंने गणपति के शरीर के तापमान को कम करने के लिए जल में डुबकी लगवाई. तभी से गणेश विसर्जन की प्रथा चली आ रही है.
गणेश विसर्जन के रूल (Ganpati Visarjan Niyam)
- विसर्जन से पूर्व भगवान गणेश का विधिपूर्वक पूजन करें.
- इसके बाद उन्हें घर पर बनी मिठाई और मोदक का भोग लगाएं.
- फिर वैदिक मंत्रों का जाप करके बप्पा की आरती करें.
- इसके पश्चात एक पात्र में किसी पवित्र नदी का जल या शुद्ध पानी भरें.
- अब जल या पानी में फूल, इत्र और गंगाजल मिलाकर मंत्रों का उच्चारण करें.
- फिर गणपति बप्पा मोरया का जयकारा लगाते हुए मूर्ति को धीरे-धीरे विसर्जित करें.
- अब पात्र में रखे जल को किसी गमले या पीपल के पेड़ में डाल दें.
- इसके बाद पूजा की सारी सामग्री को भी विसर्जित कर दें.
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