Delhi liquor scam: दिल्ली शराब नीति से जुड़े CBI केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. अब इस मामले में AAP के सभी नेता जेल से बाहर आ गए हैं.
13 September, 2024
Delhi liquor scam: दिल्ली शराब नीति (Delhi liquor scam) से जुड़े केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जमानत दे दी है. AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल 177 दिन बाद दिल्ली के तिहाड़ जेल से बाहर आएंगे. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) मामले में सुप्रीम कोर्ट से 12 जुलाई को ही जमानत मिल चुकी थी. सुप्रीम कोर्ट से अब तक शराब नीति घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत कई नेताओं और कई बिजनेसमैन को जमानत मिल चुकी है. आइए जानते हैं अब तक इस मामले में किस-किसको जमानत मिल चुकी है.
मनीष सिसोदिया
आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को शराब नीति घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट से 9 अगस्त को जमानत मिल चुकी है. मनीष सिसोदिया को CBI ने 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था. वहीं, ED ने CBI के FIR से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मनीष सिसोदिया को 9 मार्च 2023 को गिरफ्तार किया था.
BRS नेता के कविता
तेलंगाना के पूर्व सीएम चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को ED ने इस मामले में आरोपी बनाया था. ED ने 15 मार्च 2024 को के कविता को दिल्ली शराब घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था. पहले उनके घर पर रेड हुई, के कविता पर दिल्ली में रिश्वत के तौर पर 100 करोड़ रुपए भेजने का भी आरोप लगा था. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाला मामले की सुनवाई करते हुए के कविता को 27 अगस्त को जमानत दे दी थी.
संजय सिंह
राज्यसभा सदस्य संजय सिंह (Sanjay Singh) पर भी दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में साजिश रचने का आरोप लगा था. ED ने उन्हें PMLA के तहत आरोपी बनाया था. ED ने उनको 4 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था. सुप्रीम कोर्ट ने उनको अप्रैल 2024 में इस मामले में जमानत दी थी.
विजय नायर
सुप्रीम कोर्ट से अब तक दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में कई लोगों को जमानत मिल चुकी है. इसमें AAP के कम्युनिकेशन विभाग के इंचार्ज विजय नायर, इंडोस्प्रिट कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर समीर महेंद्रू, बिजनेसमैन अरुण पिल्लई शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कई बार केंद्रीय जांच एजेंसियों को फटकार लगा चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए. कोर्ट ने जांच एजेंसियों से कहा था कि जमानत नियम है और जेल अपवाद.
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