Weather: विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने इस वर्ष के अंत में ला नीना की स्थिति उत्पन्न होने की 60 प्रतिशत संभावना जताई है.
11 September, 2024
Weather: विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने एक बार फिर से ‘ला नीना’ को लेकर बड़ा दावा किया है. WMO ने इस वर्ष के अंत में ला नीना की स्थिति उत्पन्न होने की 60 प्रतिशत संभावना जताई है. जो देश के उत्तरी भागों में सामान्य से अधिक सर्दियों से जुड़ी है. WMO की माने तो अगर साल के अंत तक ‘ला नीना’ की स्थिति बनी तो दिसंबर के मध्य से जनवरी तक कड़ाके की सर्दी रहने वाली है. इससे तापमान में गिरावट देखने को मिलेगा.
ला नीना एल नीनो के विपरीत पैदा करता है जलवायु प्रभाव
WMO ने कहा कि अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 तक ला नीना की स्थिति पैदा होने की संभावना 60 प्रतिशत तक बढ़ जाती है. हालांकि, इस दौरान अल नीनो के विकसित होने की संभावना न के बराबर है. आम तौर पर ला नीना एल नीनो के विपरीत जलवायु प्रभाव पैदा करता है.
क्या होता है ‘ला नीना’
बता दें कि ला नीना प्रशांत महासागर में होने वाला एक मौसम पैटर्न है. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार ला नीना से आसमान में बादल छाते हैं और बारिश होती है. ला नीना से दुनिया भर के मौसम पर इसका असर पड़ता है. भारत में कम और ज्यादा बारिश, ठंडी और गर्मी ला नीना पर ही निर्भर होता है. भारत में ला नीना की वजह से ज्यादा ठंड और बारिश की संभावना होती है.
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