Russia-Ukraine War: भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने कहा कि इस युद्ध को रोकने के लिए यूक्रेन और रूस को खुद बातचीत करनी होगी. भारत की ओर से सिर्फ सलाह दिया जा सकता है.
Russia-Ukraine War: यूक्रेन-रूस के बीच जंग 928 दिनों से संघर्ष जारी है. सोमवार को ही यूक्रेन ने रूस पर बड़ा हमला किया है. दोनों देशों के चल रही जंग को रोकने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं. जारी युद्ध के बीच भारत का बड़ा सामने आया है. भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने कहा कि इस युद्ध को रोकने के लिए यूक्रेन और रूस को खुद बातचीत करनी होगी. भारत की ओर से सिर्फ सलाह दिया जा सकता है. भारत युद्ध विराम की शर्तें तय नहीं कर सकता है.
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण कई संकट हुए पैदा
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने यह बातें बर्लिन में कही हैं. बर्लिन की अपने दौरे के दौरान जर्मन विदेश कार्यालय के वार्षिक राजदूतों के सम्मेलन में बोलते हुए विदेश मंत्री ने मंगलवार को कहा कि दुनिया भर के देश यह तय नहीं कर सकते कि रूस-यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध कैसे खत्म होगा. रूस और यूक्रेन को बातचीत करनी होगी. हमें नहीं लगता कि यह संघर्ष युद्ध के मैदान में जल्द ही हल निकलने वाला है. किसी न किसी स्तर पर कुछ बातचीत तो होगी ही. जब कोई बातचीत होती है, तो मुख्य पक्ष यानी रूस और यूक्रेन को उस बातचीत में शामिल होना पड़ता है. ऐसा नहीं हो सकता कि बातचीत में हर कोई एक पक्ष ले और फिर रूस जाकर कहे कि यह हमारी सामूहिक स्थिति है. इसके साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक खाद्य, ईंधन के साथ-साथ राजनीतिक संकट भी पैदा हुए हैं.
यह भी पढ़ें: Ukraine ने Russia में किया सबसे बड़ा ड्रोन हमला, राजधानी मॉस्को में हुआ बड़ा नुकसान
दोनों देशों को करनी होगी बातचीत- भारत
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भारत के रुख को दोहराते हुए आगे कहा कि दुनिया भर के देशों के बीच आपसी निर्भरता को देखते हुए यह संघर्ष का युग नहीं है. इसलिए हम इस बारे में बहुत खुले हैं. हमने रूस में जो कहा है, वही हमने यूक्रेन में भी कहा है. हमने रूस में सार्वजनिक रूप से कहा है कि हमें नहीं लगता कि यह युद्ध का युग है, हमें नहीं लगता कि आपको युद्ध के मैदान से कोई समाधान मिलने वाला है. हमें लगता है कि दोनों देशों को बातचीत करनी होगी. यह हमें नहीं बताना है कि आपको क्या शर्तें रखनी हैं, आप सलाह चाहते हैं, हम हमेशा इसे देने के लिए तैयार हैं, लेकिन वास्तव में यही वह स्थिति है जिसे हमने अपनाया है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल में ही दोनों देशों का दौरा किया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि युद्ध को समाप्त करने के लिए बिना समय बर्बाद किए एक साथ बैठना चाहिए और भारत क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है.
यह भी पढ़ें: North Korea के तानाशाह ने खाई बड़ी कसम, जानें अब क्या करने वाले हैं Kim Jong Un