Manipur Violence: हिंसा की आग में झुलस रहे मणिपुर में आगामी 15 सितंबर तक इंटरसेवाएं स्थगित रहेंगी. इसके साथ ही मोबाइल डेटा को भी अस्थाई रूप से स्थगित कर दिया गया है.
Manipur Violence: पूर्वोत्तर के अहम राज्यों में शुमार मणिपुर में हिंसा जारी है और अब BJP सरकार ने स्टूडेंट के बढ़ते आंदोलन को देखते हुए मंगलवार को पूरे राज्य में पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं सस्पेंड करने का आदेश दिया. राज्य के गृह विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि हिंसक तस्वीरों, नफरती भाषण और वीडियो के सोशल मीडिया में सर्कुलेशन को रोकने के लिए इंटरनेट पर बैन का फैसला लिया गया है. इसके साथ ही मोबाइल डेटा को भी अस्थाई रूप से स्थगित कर दिया गया है.
15 सितंबर तक आदेश रहेगा प्रभावी
सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि मणिपुर के अधिकार क्षेत्र में लीज लाइन्स, वीएसएटी, ब्रॉडबैंड और वीपीएन सेवाओं सहित इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं पर 10 सितंबर की दोपहर 3 बजे से आगामी 15 सितंबर की शाम तीन बजे तक पांच दिनों के लिए अस्थायी रोक का आदेश दिया गया है.
हिंसक झड़पों में हुआ इजाफा
अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर के डीजीपी और सरकार के सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांगों को लेकर मंगलवार को आंदोलनकारियों ने राजभवन की ओर मार्च किया, जिसमें हुई झड़प के दौरान सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे. हालात को देखते हुए मंगलवार को राज्य की राजधानी इंफाल और आसपास की घाटी में कर्फ्यू लगा दिया गया था, क्योंकि सोमवार को छात्रों के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद पुलिस के साथ झड़पें हुईं थीं.
आखिर क्यों हो रही हिंसा ?
गौरतलब है कि एक साल से भी अधिक समय से उत्तर पूर्व का अहम राज्य मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है. हमले के तरीकों में भी बदलाव हुआ है. पिछले दिनों ड्रोन से हमला करने की जानकारी सामने आई, जिसके बाद राज्य सरकार की चिंता बढ़ गई है. दरअसल, पिछले एक साल सले भी अधिक समय से हिंदू मैतेई बहुसंख्यक और ईसाई कुकी समुदाय के बीच-बीच में झड़पें होती रही हैं. इस हिंसा के चलते राज्य जातीय समूहों में बंट गया है. लगातार जारी हिंसा के बीच राज्य को जान और माल की भारी हानि हुई है. पिछले कुछ दिनों के दौरान दर्जन भर लोगों की मौत हो चुकी है.
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