Home National आधार की तर्ज पर किसानों को मिलेगी डिजिटल ID, मार्च तक रखा 5 करोड़ का लक्ष्य; जानें फायदे

आधार की तर्ज पर किसानों को मिलेगी डिजिटल ID, मार्च तक रखा 5 करोड़ का लक्ष्य; जानें फायदे

by Sachin Kumar
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Farmers digital ID lines Aadhaar card target 5 crores set March benefit

Farmer ID : केंद्र सरकार किसानों सहूलियत देने के लिए डिजिटल रजिस्ट्रेशन करने पर जोर दे रही है. इस पंजीकरण के माध्यम से किसानों को आधार कार्ड की तरह एक नंबर दिया जाएगा.

09 September, 2024

Farmer ID : केंद्र सरकार ने किसानों को सशक्त बनाने के लिए आधार कार्ड की तर्ज पर डिजिटल रजिस्ट्रेशन करना शुरू करेगी. कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी (Agriculture Secretary Devesh Chaturvedi) ने सोमवार को कहा कि पंजीकरण प्रक्रिया के लिए सरकार दिशा-निर्देश जल्द जारी करेगी और इसे अक्टूबर से लागू कर दिया जाएगा. देवेश चतुर्वेदी का कहना है कि डिजिटल रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य है कि किसानों को सेवाएं और योजनाओं को व्यवस्थित करने के लिए किसान-केंद्रित डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) के रूप में डिजाइन किया गया है.

मार्च तक जोड़े जाएंगे 5 करोड़ किसान

कृषि सचिव ने बताया कि हमारा लक्ष्य अगले साल मार्च तक 5 करोड़ किसानों को रजिस्टर्ड किया जाए. उन्होंने आगे कहा कि यह पॉलिसी पहले से ही डिजिटल कृषि मिशन का हिस्सा रही है. जिसे हाल ही में कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि पहले से ही महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में एक पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया था और फिर 19 राज्यों ने भी इसकी मंजूरी दे दी. इस योजना के माध्यम से किसानों का रजिस्ट्रेशन करने के बाद उन्होंने एक पंजीकृत नंबर दिया जाएगा जैसा आधार कार्ड में होता है.

सीधा मिलेगा कई योजनाओं का लाभ

स्पेशल पहचान से किसानों को एक नई आईडी जनरेट की जाएगी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP), क्रेडिट कार्ड कार्यक्रम समेत विभिन्न कृषि योजनाओं का लाभ किसानों को सीधे मिलेगा. इसके अलावा इकट्ठा किए गए डाटा से केंद्र को नीति नियोजन और लक्षित विस्तार सेवाओं में खास मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि किसानों को अभी तक किसी भी योजना का लाभ उठाने के लिए एक प्रोसेस से गुजरना पड़ता है. इसमें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है इसलिए हम किसानों की रजिस्ट्री करने जा रहे हैं. सचिव ने कहा कि अभी तक मौजूदा सरकारी डेटा कृषि भूमि के टुकड़ों और राज्य द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ें ही सरकार के पास है. लेकिन इसमें किसानों की व्यक्तिगत जानकारी नहीं है. नई रजिस्ट्री के माध्यम से इस खाई का पाटा जा सकता है.

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