Pakistan News: पाकिस्तानी अभिनेत्री निमरा खान (Nimra Khan) के अपहरण कोशिश के बाद मामले को संभालने वाली पुलिस अधिकारी मनीषा रोपेटा (Manisha Ropeta) की हर ओर तारीफ हो रही है.
Pakistan News: पाकिस्तान में सिंध की पहली महिला हिंदू पुलिस अधिकारी को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. पाकिस्तानी अभिनेत्री निमरा खान (Nimra Khan) के अपहरण कोशिश के बाद मामले को संभालने वाली पुलिस अधिकारी मनीषा रोपेटा (Manisha Ropeta) की हर ओर तारीफ हो रही है. निमरा खान ने कहा है कि पुलिस उपाधीक्षक (DSP) मनीषा रोपेटा ने मेरे मामले को जिस तरह से संभाला, उससे मुझे हलातों से बेहतर तरीके से निपटने में मदद मिली.
शुरू में मुझ पर भी उठी उंगलियां : निमरा खान
बता दें कि कुछ दिनों पहले कराची के पॉश डिफेंस हाउसिंग इलाके में एक होटल के बाहर कार का इंतजार करते दौरान पाकिस्तानी अभिनेत्री निमरा खान के अपहरण कोशिश की गई. इस घटना को लेकर निमरा खान ने कहा कि शुरू में मुझ पर भी उंगलियां उठी. कई लोगों ने मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मेरी घटना को छोटा बताया गया, लेकिन DSP मनीषा रोपेटा ने मेरे मामले को जिस तरह संभाला, उससे मुझे शांत होने और स्थिति से बेहतर तरीके से निपटने में मदद मिली. निमरा खान ने कहा कि एक शिक्षित महिला पुलिस अधिकारी से बात करने पर उन्हें एहसास हुआ कि सार्वजनिक रूप से इस घटना के बारे में बात करना सही था.
2021 में सिंध लोक सेवा आयोग की पास की परीक्षा
इस मामले पर मनीषा रोपेटा ने कहा कि यह मुझे प्रेरित और प्रोत्साहित करता है. मैं इसलिए ही पुलिस बल में शामिल हुई. मुझे अपने साथी अधिकारियों और उन लोगों से सम्मान और प्रशंसा मिली है. हालांकि, कुछ लैंगिक मुद्दे हो सकते हैं, लेकिन मैं खुद को अलग महसूस नहीं करती और न ही यह मायने रखता है कि मैं एक हिंदू महिला हूं. आज भी जब मैं अपनी पुलिस वर्दी पहनती हूं, तो यह मेरे लिए गर्व की बात होती है और मुझे उम्मीद है कि हमारे समुदाय की लड़कियां मेरी कहानी से प्रेरित होकर मेरे रास्ते पर चलेंगी. मनीषा रोपेटा एक जाना-माना नाम बन गई हैं. पाकिस्तान के जैकबाबाद की रहने वाली मनीषा रोपेटा ने साल 2021 में सिंध लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की थी.
पुलिस बल में शामिल होना एक बड़ा कदम : मनीषा
मनीषा रोपेटा ने बताया कि जब मैं 13 साल की थी, तब हमने अपने पिता को खो दिया. उनके पिता जैकबाबाद में एक व्यापारी थे और तब से हमारे इकलौते भाई ने हमेशा मुझे पुलिस बल में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित और समर्थन किया. पिता की मृत्यु के बाद उनकी मां अपने बच्चों को कराची ले गई. कराची में वह मेडिकल की परीक्षा में पास नहीं हो पाई. वहीं, उनकी दो बहनें सफल हो गईं और अब डॉक्टर हैं. उन्होंने बताया कि जब मैंने लोक सेवा आयोग की परीक्षा देने का फैसला किया, तब मेरे भाई और मां ने मेरा साथ दिया. मनीषा रोपेटा ने कहा कि पुलिस बल में शामिल होना एक बड़ा कदम था, क्योंकि सिंध में शिक्षित हिंदू परिवारों में आमतौर पर लड़कियों को मेडिकल या टीचर का पेशा अपनाने पर जोर दिया जाता है.
यह भी पढ़ें: रक्षा मंत्री और मिनिस्टर्स हुए Israel सरकार के खिलाफ, जानें क्यों डर गए Benjamin Netanyahu
कराची के अपराध-ग्रस्त ल्यारी इलाके में मिली तैनाती
पुलिस अकादमी में अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद मनीषा रोपेटा को कराची के अपराध-ग्रस्त ल्यारी इलाके में तैनात किया गया. उन्होंने इस तैनाती को सबसे बड़ी सीख बताई. मनीषा रोपेटा अभी क्रिमिनोलॉजी कोर्स भी कर रही हैं. उनका कहना है कि इससे उन्हें पीड़ितों और अपराधियों की मानसिकता को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है. उन्होंने आगे कहा कि जब मैंने निमरा खान के मामले को संभाला, तो मुझे उसके अंदर डर का एहसास हुआ. 28 वर्षीय मनीषा रोपेटा ने अब सिंध पुलिस में दो साल सक्रिय ड्यूटी पर बिताए हैं और उनका मानना है कि पुलिस बल में लैंगिक समानता की अधिक आवश्यकता है और साथ ही अधिक शिक्षित महिलाओं को यह समझने की सख्त आवश्यकता है कि महिलाओं के अनुकूल कोई पेशा नहीं है.
यह भी पढ़ें: आतंकी हमलों में फंसा आतंक का आका Pakistan, अगस्त में हुए 59 हमले; 80 से ज्यादा की हुई मौत