Home International Putin नहीं हुए ‘गिरफ्तार’, Mongolia में मिला गार्ड ऑफ ऑनर, मुंह देखता रह गया ICC

Putin नहीं हुए ‘गिरफ्तार’, Mongolia में मिला गार्ड ऑफ ऑनर, मुंह देखता रह गया ICC

by Divyansh Sharma
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Putin was not arrested, got guard of honor in Mongolia, ICC kept looking at him

Vladimir Putin Mongolia Visit: मंगोलिया सरकार को इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) व्लादिमीर पुतिन की गिरफ्तार करने का आदेश दिया था, लेकिन मंगोलिया सरकार ने उनका भव्य स्वागत किया.

Vladimir Putin Mongolia Visit: रूस के राष्ट्रपति (President of Russia) व्लादिमीर पुतिन मंगोलिया मंगोलिया के दौरे के लिए सोमवार की देर रात मंगोलिया की राजधानी उलानबटार पहुंचे. मंगोलिया सरकार को इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) व्लादिमीर पुतिन की गिरफ्तार करने का आदेश दिया था, लेकिन मंगोलिया सरकार ने उनका भव्य स्वागत किया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर से भी सम्मानित किया. बता दें कि व्लादिमीर पुतिन पांच साल में मंगोलिया की पहली आधिकारिक यात्रा पर हैं.

मंगोलियाई राष्ट्रपति के निमंत्रण पर पहुंचे व्लादिमीर पुतिन

बता दें कि मंगोलिया ICC (International Criminal Court) का सदस्य है. वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ICC की ओर से वारंट जारी होने के बाद 12 देशों की यात्रा कर चुके हैं. उनकी यात्रा में नॉर्थ कोरिया, सउदी अरब, चीन और UAE जैसे देश का नाम शामिल हैं. यह देश ICC के सदस्य नहीं हैं. वारंट जारी होने के बाद से उन्होंने ICC के सदस्य देशों की यात्रा से परहेज कर रहे थे. ऐसे में जब वह मंगोलिया जाने के लिए तैयार हुए, तब से उनकी गिरफ्तारी की चर्चाएं तेज हो गई थी. वह खुद मंगोलियाई राष्ट्रपति उखनागिन खुरेलसुख के निमंत्रण पर ही मंगोलिया पहुंचे हैं. ऐसे में साफ जाहिर है कि मंगोलिया ने ICC के आदेश को दरकिनार कर दिया है.

व्लादिमीर पुतिन के लिए सावधानीपूर्वक बनाई योजना

गौरतलब है कि 17 मार्च, 2023 को ICC ने व्लादिमीर पुतिन और रूसी राष्ट्रपति के बाल अधिकार आयुक्त मारिया लवोवा-बेलोवा के खिलाफ यूक्रेनी बच्चों के अवैध निर्वासन के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किया. इसके बाद 25 जून, 2024 को ICC प्री-ट्रायल चैंबर ने रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई शोइगु और रूसी सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ के प्रमुख वालेरी गेरासिमोव के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया. हालांकि, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को गिरफ्तार नहीं किया गया है. ऐसे में यह भी साफ हो गया कि रूस अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) को लेकर चिंतित नहीं है. लेकिन उनकी यात्रा के सभी पहलुओं की सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई है.

मंगोलिया में पांच साल पहले की तरह ही होगा जश्न

ऐसे में अब यह तय है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पांच साल पहले की तरह ही खालखिन गोल की लड़ाई के दौरान जापानी सैन्यवादियों पर सोवियत और मंगोलियाई सैनिकों की संयुक्त जीत की वर्षगांठ मनाने वाले कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे. इसके अलावा रूसी राष्ट्रपति मंगोलियाई अधिकारियों के साथ बातचीत और द्विपक्षीय बैठकों की एक श्रृंखला भी आयोजित करने वाले हैं. यात्रा का समापन एक स्वागत समारोह के साथ होगा. दोनों ही देशों की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस भी किया जाएगा. फिलहाल दोनों देशों के राष्ट्रपतियों ने चंगेज खान की प्रतिमा को श्रद्धांजलि अर्पित की और व्लादिमीर पुतिन ने स्टेट पैलेस की अतिथि पुस्तिका पर हस्ताक्षर किए.

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‘मंगोलिया ने अपराधी को न्याय से बचने दिया’

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यात्रा पर यूक्रेन ने बड़ा बयान दिया है. पुतिन के लिए आईसीसी की गिरफ्तारी वारंट को पूरा करने में मंगोलियाई सरकार की विफलता अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय और अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्याय प्रणाली के लिए एक बड़ा झटका है. मंगोलिया ने अभियुक्त अपराधी को न्याय से बचने दिया, जिससे उसके युद्ध अपराधों का आरोप है. हम भागीदारों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि इसका मंगोलिया पर भी असर हो. व्लादिमीर पुतिन की मंगोलिया की योजनाबद्ध यात्रा से यूक्रेन की ओर से कहा गया है कि यूक्रेनी पक्ष को उम्मीद है कि मंगोलिया सरकार इस तथ्य से अवगत है कि व्लादिमीर पुतिन एक युद्ध अपराधी है.

व्लादिमीर पुतिन नरसंहार के दोषी- यूक्रेन

यूक्रेन की ओर से कहा गया कि वह नरसंहार के दोषी हैं. ICC ने उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है. ऐसे में उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए. यूक्रेनी बच्चों का अपहरण उन कई अपराधों में से एक है जिसके लिए व्लादिमीर पुतिन और बाकी रूसी सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए. बता दें कि 1 जुलाई 2002 में मंगोलिया ICC का सदस्य बना था. ऐसे में दावा किया जा रहा है कि कानूनों पर दस्तखत के अब कोई मायने नहीं है. वहीं, ICC किसी को खुद गिरफ्तार नहीं कर सकता है. किसी की गिरफ्तारी के लिए आदेश के पालन के लिए अपने सदस्य देशों पर निर्भर रहता है. चीन, भारत, रूस, तुर्की और पाकिस्तान जैसे कई बड़े देश ICC के सदस्य नहीं हैं, इसलिए ICC के आदेशों और नियमों का पालन नहीं करते हैं.

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