13 January 2024
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के.सक्सेना बांसेरा पहुचें जहा उन्होनें पतंग उत्सव के उद्घाटन समारोह मे शिरकत की। इस मौके पर उपराज्यपाल सक्सेना ने कहा कि भगवान राम भी अपने भाइयों के साथ बचपन में पतंग उड़ाते थे।
मकर संक्रांति का त्योहार पूरे देश में 14 जनवरी को मनाया जायेगा। वैसे तो मकर संक्रांति को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं। इसे अलग अलग नामों से भी जाना जाता है।
कैसे शुरू हुई पतंग उड़ाने की परंपरा
मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। देश के कई हिस्सों में इसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन पतंग उड़ाने की परंपरा है। इस दिन कईं जगहों पर पतंगबाजी की प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के के मुताबिक प्रभु श्रीराम ने ही सबसे पहले पतंग उड़ाई थी। जब वो पतंग उड़ा रहे थे, तो वो इंद्रलोक में जा पहुंची थी, तब से ही भारत में पतंग उड़ाने की परंपरा शुरू हो गई।
जानें क्या है वैज्ञानिक कारण
आपको बता दें कि पतंग को आजादी और ख़ुशी का भी संकेत माना जाता है। वहीं, अगर वैज्ञानिक कारणों की बात करें तो 14 जनवरी मकर संक्रांति को निकलनी वाली सूर्य की किरणों को अमृत की तरह माना जाता है। जिससे कई तरह की बीमारियां ठीक हो जाती है। इसके साथ ही हमारी त्वचा के लिए भी ये किरणे बहुत ही लाभकारी होती है।