PM Modi Maharashtra Visit: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) हमारे आराध्य देवता हैं.
PM Modi Maharashtra Visit: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को महाराष्ट्र के दौरे पर हैं. उन्होंने पहले मुंबई के जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (GFF) 2024 को संबोधित किया. इसके बाद वह पालघर के सिडको मैदान में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बड़ा बयान दिया. सिंधुदुर्ग (Sindhudurg) में शिवाजी की प्रतिमा गिरने पर उन्होंने पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए माफी मांगी. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) के दौरे को लेकर कांग्रेस समेत विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं.
अपने दिल की भावनाएं व्यक्त करना चाहता हूं- PM Modi
पालघर (Palghar) में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज इस कार्यक्रम के बारे में बात करने से पहले मैं अपने दिल की भावनाएं व्यक्त करना चाहता हूं. जब साल 2013 में भारतीय जनता पार्टी ने मुझे प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया. इसके बाद सबसे पहले मैंने रायगढ़ किले में जाकर छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि के सामने बैठकर प्रार्थना की थी और उनका आशीर्वाद भी लिया. इसके साथ ही मैंने अपनी राष्ट्रसेवा की एक नई यात्रा आरंभ की थी. शिवाजी की प्रतिमा गिरने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो कुछ भी हुआ, मेरे और मेरे साथियों के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक नाम नहीं हैं. हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) हमारे आराध्य देवता हैं. आज मैं सिर झुकाकर मेरे आराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं.
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PM Modi बोले- छत्रपति शिवाजी महाराज नई नीतियां बनाई
इसी के साथ प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि हमारे संस्कार अलग हैं. हम वह नहीं हैं जो भारत माता के महान सपूत वीर सावरकर को गाली देते रहे. उनका अपमान करते रहें. देशभक्तों की भावनाओं को कुचलते हैं. इसके बावजूद माफी न मांगें. ऐसे महान सपूतों का अपमान करने के बाद जिन्हें पश्चाताप न हो, उनके संस्कार को महाराष्ट्र की जनता पहचान ले. उन्होंने आगे कहा कि एक समय था जब भारत को विश्व के सबसे समृद्ध और सशक्त राष्ट्रों में गिना जाता था. भारत की इस समृद्धि का एक बड़ा आधार था, भारत की सामुद्रिक सामर्थ्य. हमारी इस ताकत को महाराष्ट्र से बेहतर और कौन जानेगा? छत्रपति शिवाजी महाराज ने समुद्री व्यापार को और समुद्री शक्ति को एक नई ऊंचाई दी थी. उन्होंने नई नीतियां बनाई और देश की प्रगति के लिए फैसले लिए.
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