SC-ST Creamy Layer: BSP सुप्रीमो मायावती (Mayawati) भी इस मुद्दे पर खुलकर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले केंद्र सरकार के साथ-साथ कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) पर भी हमला बोल रही हैं.
24 August, 2024
SC-ST Creamy Layer: उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर जल्द ही उपचुनाव होने वाले हैं. उपचुनाव को लेकर पूरे प्रदेश में सियासत जोरों पर है. इसी बीच SC/ST आरक्षण के वर्गीकरण (SC-ST Reservation) को लेकर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी लेकर सभी पार्टियां नाराजगी जाहिर करते हुए उपचुनाव में बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश में हैं. इसी क्रम में बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) की सुप्रीमो मायावती (Mayawati) भी इस मुद्दे पर खुलकर भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के नेतृत्व वाले केंद्र सरकार के साथ-साथ कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) पर भी हमला बोल रही हैं. अपने ‘X’ पोस्ट में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ 21 अगस्त को हुए ‘भारत बंद’ में सक्रिय समर्थन नहीं देने का आरोप लगाया.
ऐसी भ्रम की स्थिति क्यों बनाना- Mayawati
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को अपने ‘X’ हैंडल पर पोस्ट कर कांग्रेस और समाजवादी पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस SC/ST आरक्षण के समर्थन में तो अपने स्वार्थ और मजबूरी में बोलते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) के 1 अगस्त 2024 के निर्णय में SC/ST आरक्षण के वर्गीकरण और क्रीमीलेयर को लेकर अभी तक चुप्पी साधे हैं. उन्होंने दावा किया कि यह चुप्पी उनकी आरक्षण विरोधी सोच है. इसे लेकर उन्होंने जनता से अपील की कि ऐसे में सजग रहना जरूरी है. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि SP और कांग्रेस जैसे दलों का चाल, चरित्र और चेहरा हमेशा SC/ST विरोधी रहा है. इसी क्रम में भारत बंद को सक्रिय समर्थन नहीं देना भी यही साबित करता है. वैसे भी आरक्षण सम्बंधी इनके बयानों से यह स्पष्ट नहीं है कि यह दल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पक्ष में हैं या विरोध में. उन्होंने सवाल किया कि ऐसी भ्रम की स्थिति क्यों बनाना?
Mayawati ने लचर पैरवी का लगाया आरोप
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि अब समाजवादी पार्टी और कांग्रेस (Congress) समेत अन्य पार्टियां आरक्षण के खिलाफ फिर से अन्दर-अन्दर एक लगती हैं. उन्होंने आगे कहा कि फिर ऐसे में केवल SC/ST ही नहीं, बल्कि OBC को भी अपने आरक्षण और संविधान की रक्षा तथा जातीय जनगणना की लड़ाई अपने ही बल पर बड़ी समझदारी से लड़नी है. इससे एक दिन के पहले पोस्ट में उन्होंने आरोप लगाया कि SC/ST आरक्षण में वर्गीकरण और क्रीमीलेयर का नया नियम लागू करने के सुप्रीम कोर्ट के 1 अगस्त 2024 के निर्णय के विरुद्ध जन अपेक्षा के अनुसार पुरानी व्यवस्था बहाल रखने के लिए केंद्र सरकार की ओर से अभी तक भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाना बेदह दुखद और चिंताजनक है. विपक्षी दलों की चुप्पी उतनी ही घातक है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर 21 अगस्त के भारत बंद के बावजूद अगर केंद्र इसमें जरूरी सुधार के लिए गंभीर नहीं तो यह सोचने वाली बात है. साथ ही उन्होंने कोर्ट में लचर पैरवी का भी आरोप लगाया.
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