Home International चीन ने फिर दिया धोखा, UN में भारत ने उठाई बदलाव की मांग; कहा- जिम्मेदारियों को पूरा करने में फेल UNSC

चीन ने फिर दिया धोखा, UN में भारत ने उठाई बदलाव की मांग; कहा- जिम्मेदारियों को पूरा करने में फेल UNSC

by Divyansh Sharma
0 comment
चीन ने फिर दिया धोखा, UN में भारत ने उठाई बदलाव की मांग; कहा- जिम्मेदारियों को पूरा करने में फेल UNSC- Live Times

India In United Nations: महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी स्वीकार किया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की संरचना बदलती दुनिया के साथ तालमेल रखने में विफल रही है.

13 August, 2024

India In United Nations: भारत की ओर से दुनिया भर में भू-राजनीति उथल-पुथल के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) की संरचना में एक बार फिर से जल्द सुधार की अपील की गई है. भारत लंबे समय से सुरक्षा परिषद में बदलाव की मांग कर रहा है. भारत की ओर से कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की रक्षा करने की जिम्मेदारियों को पूरा करने में असमर्थ है. ऐसे में साल 1945 के बाद बदलाव की जरूरत हर जगह महसूस की जा रही है. वहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सत्र को संबोधित करते हुए महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी स्वीकार किया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की संरचना बदलती दुनिया के साथ तालमेल रखने में विफल रही है.

‘सुरक्षा परिषद के सदस्यों में बदलाव की जरुरत’

सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार पर आयोजित खुली बहस में भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान के समूह G4 (G4 nations) की ओर से भारत के संयुक्त राष्ट्र मिशन के प्रभारी आर. रवींद्र ने कहा कि हाल की वैश्विक भू-राजनीतिक घटनाओं ने स्पष्ट रूप से दिखाया है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की रक्षा करने की अपनी प्राथमिक जिम्मेदारियों को पूरा करने में असमर्थ है. वर्तमान में दुनिया को शांति और सुरक्षा की सबसे अधिक आवश्यकता है. संयुक्त राष्ट्र में भारतीय दूत ने आगे कहा कि 1945 की वास्तविकताओं के कारण संयुक्त राष्ट्र का गठन हुआ था. वर्तमान में भू-राजनीतिक वास्तविकताएं बदल गई हैं. ऐसे में सुरक्षा परिषद के सदस्यों में बदलाव की जरुरत है.

एशियाई देशों का कम प्रतिनिधित्व : भारत

भारतीय दूत ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद के खराब प्रदर्शन का एक प्रमुख कारण अफ्रीका, लैटिन अमेरिका के साथ कैरिबियन देशों और स्थायी श्रेणी में एशियाई देशों का कम प्रतिनिधित्व है. उन्होंने आगे कहा कि G4 देशों का स्थायी और गैर स्थायी देशों को शामिल किए बिना परिषद का कोई भी सुधार काम नहीं आएगा और परिषद की संरचना में मौजूदा असंतुलन को बढ़ाएगा. इसे आज की अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों से निपटने में अक्षम बना देगा. बता दें कि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों के समर्थन के बावजूद भी G4 राष्ट्रों की स्थायी सीटों के लिए दावेदारी को संयुक्त राष्ट्र स्तर पर रोक दिया गया है. ऐसे में भारत की ओर से एक बार फिर परिषद के सामने यह मुद्दा उठाया गया है.

चीन ने फिर से किया भारत का विरोध

सोमवार के सत्र के दौरान चीन ने भारत के लिए सीट का भी विरोध किया. चीन के स्थायी प्रतिनिधि फू कांग ने भारत और G4 की आलोचना करते हुए कहा कि जब परिषद सुधार की बात आती है, तब G4 समूह अपने स्वार्थी और छोटे-छोटे हितों को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. बता दें कि, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीटों के विस्तार का विरोध करने के लिए 1990 के दशक में यूनाइटिंग फॉर कनसेनसस का गठन किया गया था. इस समूह का नेतृत्व वर्तमान में पाकिस्तान कर रहा है. भारत के लिए स्थायी सीट का विरोध पाकिस्तान कर रहा है. जर्मनी के प्रतिनिधित्व के विरोध में इटली और स्पेन हैं. ब्राजील का विरोध मेक्सिको, कोलंबिया और अर्जेंटीना कर रहे हैं. जापान का विरोध दक्षिण कोरिया कर रहा है.

यह भी पढ़ें: बदले की आग में जल रहा Iran, आज कर सकता है Israel पर हमला; अमेरिका ने भी मांगी मदद

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 15 देश शामिल

फिलहाल, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 15 देश शामिल हैं. इनमें से पांच के पास स्थायी सीटें हैं और उन्हें महत्वपूर्ण निर्णयों पर वीटो लगाने का अधिकार है. वहीं, 10 देशों के पास अस्थायी सीट है. चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के गठन के बाद से इसके पांच स्थायी सदस्य रहे हैं. सोवियत संघ के पतन के बाद रूस ने सोवियत संघ की जगह ले ली है. 10 अस्थायी सीटों में से तीन सीटें अफ्रीकी देशों के लिए सुरक्षित हैं. एशिया-प्रशांत, लैटिन अमेरिका, कैरिबियन और पश्चिमी यूरोप के लिए दो-दो सीटें और पूर्वी यूरोप के लिए एक सीट सुरक्षित हैं. अस्थायी सीट पर प्रत्येक देश दो साल के कार्यकाल के लिए UNSC का हिस्सा होता है.

यह भी पढ़ें: ईरान में अब मचेगी तबाही! Israel की रक्षा के लिए US ने भेजा लड़ाकू विमानों से लैस दुनिया का सबसे बड़ा युद्धपोत

You may also like

Leave a Comment

Feature Posts

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

@2024 Live Times News. All Right Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00