Hindenburg Report On Adani: BSP सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने केंद्र सरकार को नसीहत देते हुए संयुक्त संसदीय समिति (Joint parliamentary committee) या ज्यूडिशियल जांच कराने की बात कह दी है.
13 August, 2024
Hindenburg Report On Adani: देश में इस वक्त हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर बवाल मचा हुआ है. कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के नेता केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोल रहे हैं. इसी क्रम में बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने भी बड़ी मांग कर दी है. उन्होंने केंद्र सरकार को नसीहत देते हुए संयुक्त संसदीय समिति (Joint parliamentary committee) या ज्यूडिशियल जांच कराने की बात कह दी है. बता दें कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की मांग की थी. ऐसे में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर विपक्षी दल एकजुट नजर आ रहे हैं.
देशहित को प्रभावित करने वाला : मायावती
मायावती ने अपने ‘X’ हैंडल पर मंगलवार को एक पोस्ट किया. पोस्ट में उन्होंने लिखा कि पहले अदाणी ग्रुप और अब SEBI चीफ संबंधी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट फिर से जबरदस्त चर्चाओं में है. आरोप-प्रत्यारोप का दौर इस हद तक जारी है कि इसे देशहित को प्रभावित करने वाला बताया जा रहा है. अदाणी ग्रुप और SEBI की ओर से सफाई देने के बाद भी यह मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा, बल्कि उबाल पर है. उन्होंने दावा किया कि यह मुद्दा अब सत्ता पक्ष और विपक्ष के वाद-विवाद से परे केंद्र सरकार की साख के साथ-साथ विश्वसनीयता को भी प्रभावित कर रहा है, जबकि केंद्र सरकार को अब तक इसकी उच्च-स्तरीय जांच यानी संयुक्त संसदीय समिति (Joint parliamentary committee) या जुडिशियल जांच जरूर बैठा देनी चाहिए थी, तो यह बेहतर होता. बता दें कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस मामले में कई बार JPC की मांग रखी है.
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हिंडनबर्ग की रिपोर्ट कांग्रेस का टूलकिट : BJP
दरअसल, 10 अगस्त को हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट जारी कर आरोप लगाया कि SEBI (Securities and Exchange Board of India) चीफ माधबी पुरी बुच के पास अडाणी ग्रुप के जरिए पैसों की हेराफेरी स्कैंडल में इस्तेमाल की गई ऑफशोर एंटिटीज में बड़ी हिस्सेदारी थी. कई डॉक्यूमेंट्स का हवाला देते हुए हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया कि माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के पास एक ऑफशोर फंड्स में हिस्सेदारी थी. 18 महीने पहले भी अडाणी ग्रुप को लेकर हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी कर गंभीर आरोप लगाए थे. अब ऐसे में विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है और जांच की मांग कर रहा है. वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी की ओर से सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा गया कि इस रिपोर्ट के जरिए देश में वित्तीय अराजकता फैलाने और भारतीय बाजार को अस्थिर करने की कोशिश है. उन्होंने इसे कांग्रेस का टूलकिट बता दिया.
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