Home Top 3 News बिहार के एकमात्र जीवित स्वतंत्रता सेनानी के बारे में जानकर हो जाएंगे हैरान, अंग्रेजी हुक्मरानों के छुड़ा दिए थे छक्के

बिहार के एकमात्र जीवित स्वतंत्रता सेनानी के बारे में जानकर हो जाएंगे हैरान, अंग्रेजी हुक्मरानों के छुड़ा दिए थे छक्के

by Rashmi Rani
0 comment
बिहार के एकमात्र जीवित स्वतंत्रता सेनानी के बारे में जानकर हो जाएंगे हैरान, अंग्रेजी हुक्मरानों के छुड़ा दिए थे छक्के

Indenpendence Day 2024: बिहार में एक ऐसा गांव भी है, जहां एक स्वतंत्रता सेनानी अब भी जीवित हैं. स्वतंत्रता सेनानी 96 वर्षीय मुंशी सिंह ने अंग्रेजी हुक्मरानों के छक्के छुड़ा दिए थे.

13 August, 2024

Indenpendence Day 2024: 15 अगस्त को हमारा देश आजाद हुआ था. इस आजादी को पाने के लिए ना जाने कितने स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान की कुर्बानी दी थी. बिहार में एक ऐसा गांव भी है, जहां एक दो नहीं बल्कि 29 स्वतंत्रता सेनानी थे, जिनका देश की आजादी में अहम योगदान रहा है. आपको जानकर हैरानी होगी कि 29 दीवानों में एक स्वतंत्रता सेनानी अब भी जीवित हैं. हम बात कर रहे हैं, सारण कमिश्नरी के एकमात्र जीवित स्वतंत्रता सेनानी 96 वर्षीय मुंशी सिंह की, जिन्होंने अंग्रेजी हुक्मरानों के छक्के छुड़ा दिए थे.

आजादी को याद कर हो जाते हैं भावुक

सिवान के महराजगंज को शहीदों की धरती कहा जाता है. 29 स्वतंत्रता सेनानियों को जन्म देने वाली धरती सिवान है. मुंशी सिंह आज भी आजादी को याद कर भावुक हो उठते हैं. उन्होंने बताया कि कैसे जब वह हाई स्कूल में विद्यार्थी थे, उसी समय आजादी के लिए अपने आप को समर्पित कर दिया. अपनी जान की परवाह किए बिना अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी. महात्मा गांधी के नेतृत्व में 1942 के आंदोलन में हिस्सा लिया. मुंशी सिंह को अंग्रेजों ने जेल भी बंद कर दिया था.

अंग्रजों के नाक में कर दिया था दम

मुंशी सिंह ने अंग्रेजों के नाक में दम कर दिया था. अंग्रेजों की गोली का शिकार होने के बावजूद अंग्रेजी सैनिकों को थाने से उखाड़ फेंका था. साथ ही थाने पर तिरंगा लहराकर अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध आवाज बुलंद की थी. सीवान का बच्चा – बच्चा उनकी गाथा को जानता है.

देश इन स्वतंत्रता सेनानियों को भूल गया

आजादी के इन दिवानों को प्रशासन आज भूल गई है. स्वतंत्रता सेनानी मुंशी सिंह ही केवल अभी हमारे बीच हैं, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि सरकार इस कदर स्वतंत्रता सेनानियों को भूल गया कि उसके पास इनकी सूची तक भी उपलब्ध नहीं है. केवल गांव में एक पत्थर इनके नाम अंकित है, इसके आलवा एक स्मृति चिह्न तक नहीं है. मुंशी सिंह का कहना है यह मेरे लिए दुख की बात है कि देश आज उन्हें भूल गया है. हम और आप में से बहुत कम लोग होंगे, जिसने मुंशी सिंह का नाम तक नहीं सुना होगा.

यह भी पढ़ें : भारत के राष्ट्रगान के बारे में नहीं जानते होंगे ये 5 दिलचस्प बातें, आइए जानते हैं

You may also like

Leave a Comment

Feature Posts

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

@2024 Live Times News. All Right Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00