UP Bypoll Election: उपचुनाव के लिए कार्यक्रम का एलान अभी हुआ नहीं है, लेकिन इससे पहले ही प्रदेश की मुख्य पार्टियां तैयारियों में जुट गई हैं.
12 August, 2024
UP Bypoll Election: उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर जल्द ही उपचुनाव होने वाले हैं. उपचुनाव के लिए तारीखों का एलान अभी हुआ नहीं है, लेकिन इससे पहले ही प्रदेश की मुख्य पार्टियां तैयारियों में जुट गई हैं. इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की ओर से 10 में से 6 सीटों के लिए प्रभारियों की नियुक्ति की गई है. वहीं, बहुजन समाज पार्टी की ओर से बैठकों का दौर शुरू हो चुका है. भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कमान संभाल ली है. कांग्रेस भी कुछ सीटों पर अपना दावा ठोक सकती है.
अखिलेश यादव का ब्राह्मण दांव
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सोमवार को 10 में से 6 सीटों के लिए प्रभारियों की नियुक्ति की है. इसमें कटेहरी सीट (अंबेडकर नगर) के लिए शिवपाल सिंह, मिल्कीपुर (फैजाबाद) सीट के लिए अवधेश प्रसाद और लाल बिहारी यादव, मझवां (मिर्जापुर) सीट के लिए वीरेंद्र सिंह, करहल (मैनपुरी) सीट के लिए चंद्रदेव यादव, फूलपुर (प्रयागराज) सीट के लिए इंद्रजीत सरोज और सीसामऊ (कानपुर नगर) के लिए राजेंद्र कुमार को प्रभारी नियुक्त किया गया है. इसी के साथ अखिलेश यादव ने भी अपना चुनावी अभियान शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के नेताओं ने भी इन सीटों पर जीत के मद्देनजर दौरे भी शुरू कर दिए हैं. अखिलेश यादव ने जिस प्रकार माता प्रसाद पांडे को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया, इससे यह भी दावा किया जा रहा है कि अखिलेश यादव PDA (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) के साथ ब्राह्मण दांव भी खेल सकते हैं. संसद का मॉनसून सत्र खत्म होते ही अखिलेश यादव जोनवार समीक्षा भी कर रहे हैं.
मायावती ने दी नेताओं को नसीहत
BSP (Bahujan Samaj Party) की ओर से भी बैठकों का दौर शुरू हो चुका है. मायावती (Bahujan Samaj Party) ने रविवार को ही समीक्षा बैठक की. बता दें कि 2012 के बाद मायावती की पार्टी पहली बार उपचुनाव लड़ने जा रही है. ऐसे में उन्होंने पार्टी से जुड़े लोगों को नसीहत देते हुए सहयोग में कमी ना आने देने की बात कही. मायावती पूरी तरह से समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की बातों का काउंटर भी कर रही हैं. दावा किया जा रहा है कि इन उपचुनावों मायावती की ओर सोशल इंजीनियरिंग भी देखने को मिल सकता है. मायावती इस बार उपचुनाव में दलित और मुसलमान प्रत्याशियों के साथ-साथ ब्राह्मण कार्ड भी खेल सकती हैं. मायावती बेहतर रिजल्ट के संबंध में भी जमीनी तैयारियों की भी समीक्षा कर रही हैं. रविवार की बैठक में उन्होंने साफ तौर पर कह दिया है कि पार्टी की नीतियों से उपचुनाव में फायदा मिलेगा. साथ ही उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को फिर से पार्टी का दायित्व सौंप दिया है. ऐसे में आकाश आनंद भी चुनाव प्रचार में आक्रामक रुख अपना सकते हैं.
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सीएम योगी पर पूरा दारोमदार
भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) को उपचुनावों में जीत दिलाने का पूरा दारोमदार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) पर है. योगी आदित्यनाथ भी एक्शन मोड में काम कर रहे हैं. फैजाबाद लोकसभा सीट पर हार के बाद से योगी मिल्कीपुर सीट पर पूरा दमखम दिखा रहे हैं. मिल्कीपुर सीट BJP के लिए साख का सवाल बन गया है. वह बीते सप्ताह भर में दो बार अयोध्या का भी दौरा कर चुके हैं. इसी के साथ उन्होंने अपनी दस टीमों को भी काम पर लगा दिया है. कटेहरी सीट पर भी सीएम योगी अपनी टीमों को एक्टिव कर चुके हैं. वह इन उपचुनावों में BJP को जीत दिलाकर लोकसभा चुनाव के दौरान यूपी में हुए नुकसान की भरपाई करना चाहते हैं. वहीं, सीएम योगी से नाराजगी जाहिर करने वाले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी एक्टिव हैं और लगातार विधायकों और स्थानीय लोगों से बात भी कर रहे हैं. बता दें कि सीएम योगी ने लोकसभा चुनाव नतीजों की समीक्षा के लिए हुई कार्य समिति की बैठक में भी उपचुनाव में सभी सीटों पर जीत के लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास करने का मंत्र दिया था.
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