Independence Day 2024: राष्ट्रगान को गाने की अवधि 52 सेकेंड है. कुछ मौकों पर राष्ट्रगान को संक्षिप्त रूप में भी गाया जाता है.
12 August, 2024
Independence Day 2024: स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) नजदीक आ रहा है. इस बार देश आजादी का 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है. इस आजादी के महोत्सव को मनाने के लिए पूरा देश उत्साहित है. इस राष्ट्रीय पर्व के दिन राष्ट्रगान गाया जाता है. हम सभी लोग स्कूल के दिनों से ही राष्ट्रगान (National Anthem) को गाते रहे हैं. जब भी इसकी धुन हमारी कानों में पड़ती है तो हम सावधान की मुद्रा में खड़े हो जाते हैं. हमारे अंदर देशभक्ति की भावना जाग जाती है. ऐसे ही राष्ट्रगान के बारे में कुछ दिलचस्प बातें हैं जिनके बारे में आपको नहीं पता होगा. आइए जानते हैं
किसने लिखा था राष्ट्रगान
भारत का राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन-अधिनायक जय हे’ है. राष्ट्रकवि रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) ने साल 1911 में एक कविता लिखी थी जो 5 छंदों में थी. कविता के पहले छंद को राष्ट्रगान के रूप में लिया गया. इसे पहली बार 27 दिसंबर 1911 को कोलकाता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन (INCS) में रवींद्रनाथ टैगोर की भांजी सरला ने गाया था. रवींद्रनाथ टैगोर ने राष्ट्रगान को पहले बंगाली में लिखा था. बाद में सुभाष चंद्र बोस के कहने पर आबिद अली ने इसे हिंदी और उर्दू में लिखा.
राष्ट्रगान गाने के लिए नहीं किया जा सकता बाध्य
कानून के मुताबिक राष्ट्रगान को गाने के लिए किसी भी व्यक्ति को बाध्य नहीं किया जा सकता. हालांकि राष्ट्रगान भारत की आजादी का अभिन्न हिस्सा है. इसे पूर्ण सम्मान देना चाहिए. इसके सम्मान की रक्षा करना भारत के हर नागरिक का कर्तव्य है.
अंग्रेज जॉर्ज पंचम की प्रशंसा में लिखा गया था राष्ट्रगान
ऐसा माना जाता रहा है कि रवींद्रनाथ टैगोर ने इस कविता को अंग्रेज जॉर्ज पंचम की प्रशंसा में लिखा था. लेकिन इतिहासकार बताते हैं कि साल 1939 में लिखे एक पत्र में रवींद्रनाथ टैगोर ने इस बात का खंडन किया था. कहा जाता है कि रवींद्रनाथ टैगोर के एक मित्र ने सम्राट जॉर्ज पंचम के सम्मान में एक गीत लिखने को कहा था. लेकिन रवींद्रनाथ टैगोर ने मना कर दिया था.
राष्ट्रगान का अपमान करने पर होती है कार्रवाई
राष्ट्रगान के नियमों का पालन नहीं करने और इसका अपमान करने पर प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट टू नेशनल ऑनर एक्ट-1971 की धारा-3 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाती है. इसका अपमान करने वाले व्यक्ति को 3 वर्ष तक की कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाता है.
सिनेमाहॉल में बजता है राष्ट्रगान
भारत सरकार के आदेश के अनुसार देश के सभी सिनेमाहॉलों में फिल्म दिखाए जाने से पहले राष्ट्रगान बजाया जाता है. साल 2016 में सिनेमाहॉलों में राष्ट्रगान को बजाना अनिवार्य कर दिया गया था. साल 1960 के दौरान भी सिनेमा हॉलों में फिल्म खत्म होने के बाद इसे बजाने का नियम था.