Hindenburg Research : हिंडनबर्ग के खुलासे के बाद राजनीतिक दलों की तरफ से बयान आने भी शुरू हो गए हैं. विपक्ष ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.
11 August, 2024
Hindenburg Research : हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक बार फिर चौंकाने वाला दावा किया, जिससे भारतीय राजनीति में हड़कंप मचा गया है. वहीं, अब राजनीतिक दलों की तरफ से बयान आने भी शुरू हो गए हैं. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने हिंडनबर्ग के खुलासे के बाद केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि सेबी प्रमुख को लेकर उठ रहे सवालों क खत्म करने के लिए तुरंत कार्रवाई करें.
जयराम रमेश ने उठाया बड़ा सवाल
जयराम रमेश ने कहा कि जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) गठित कर इस मामले की जांच की जानी चाहिए, क्योंकि देश के सर्वोच्च अधिकारियों की कथित मिलीभगत की निष्पक्ष जांच केवल जेपीसी ही कर सकता है. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि अब पता चल रहा है कि आखिर क्यों संसद की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था. 12 अगस्त तक संसद चलना था, लेकिन उससे पहले ही 9 अगस्त को ही स्थगित कर दिया गया.
महुआ मोइत्रा ने अडानी पर लगाया आरोप
तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने भी उद्योगपति गौतम अडानी पर भी निशाना साधा. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर अडानी पर आरोप लगाया कि सेबी चेयरमैन भी उनके समूह में निवेशक हैं. क्रोनी कैपिटलिज्म अपने चरम पर है. महुआ मोइत्रा ने कहा कि हम इस चेयरपर्सन के तहत सेबी पर भरोसा नहीं कर सकते कि वह अडानी के बारे में कोई जांच करेगा. यह जानकारी सार्वजनिक होने के बाद सुप्रीम कोर्ट को अपने फैसले पर दोबारा विचार करना होगा.
अब समझ आया पत्रों का जवाब क्यों नहीं दिया : प्रियंका चतुर्वेदी
शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर कहा कि अब साफ हो गया है कि अडानी समूह की कंपनियों के विवरण मांगने वाले उनके पत्रों का जवाब क्यों नहीं दिया गया. बता दें कि प्रियंका चतुर्वेदी ने पिछले साल अडानी समूह की कंपनियों के खिलाफ जांच का विवरण मांगा था.
‘भारत में असंतुलन पैदा करने की साजिश’
BJP सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने रविवार को कहा कि कांग्रेस समेत विपक्षी दलों को पहले से सेबी को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बारे में पता था. उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग ने ताजा रिपोर्ट जारी की है, जो भारतीय जांच एजेंसियों के रडार पर है. विपक्ष उनके साथ मिलकर बोल रहा है. उन्होंने इसे संसद सत्र में भी उठाया है. यह भारत में असंतुलन पैदा करने की साजिश है. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि यह विदेशी रिपोर्ट संसद सत्र के समय क्यों आती हैं? कांग्रेस नेताओं को पहले से ही पता था कि रिपोर्ट आ रही है.