SC/ST Reservation : सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मल्लिकार्जुन की पहली बार प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि 70 साल बाद भी SC/ST समुदाय की भर्ती पूरी नहीं भरी जा सकी है.
10 August, 2024
SC/ST Reservation : सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति में ‘कोटे के अंदर कोटा’ और ‘क्रीमी लेयर’ पर फैसले देने के बाद से देश की राजनीति गरमा गई है. BSP प्रमुख मायावती (Mayawati) ने दो बार प्रेस कॉन्फ्रेंस करके केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. तो वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने भी क्रीमी लेयर वाले फैसले का विरोध किया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आरक्षण का आधार आर्थिक विकास नहीं है, बल्कि हजारों सालों से फैली अस्पृश्यता, छूआछूत को मिटाना है.
‘SC को रिजर्वेशन पूना पैक्ट से मिला’
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट का सात जजों की बेंच का फैसला आया, जिसमें उन्होंने SC-ST वर्ग के लोगों के लिए वर्गीकरण और क्रीमी लेयर की बात कही. उन्होंने आगे कहा कि भारत में अनुसूचित जाति (Scheduled Caste) के लोगों को सबसे पहले रिजर्वेशन बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर के पूना पैक्ट के माध्यम से मिला. इसके बाद पंडित नेहरू और महात्मा गांधी के योगदान से इस संवैधानिक मान्यता दी गई. इसे लागू होने के बाद SC समाज के लोगों के लिए शैक्षणिक और नौकरियों में रिजर्वेशन लागू हुआ.
SC/ST आरक्षण आर्थिक उन्मूलन कार्यक्रम नहीं
कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया किआजादी के 70 साल बाद भी सरकारी नौकरियों में SC और ST समुदायों के लोगों की भर्तियां पूरी भरी नहीं जा सकी. विभागों में अधिकतर पद खाली पड़े हैं. उन्होंने कहा कि इसका सीधा अर्थ है कि सम्मिलित रूप से मिलकर भी इन पदों को भरा नहीं जा सका है. इन वर्गों के लोग सामान्य वर्गों की बराबरी तक नहीं पहुंचे हैं. खरगे ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आरक्षण का उद्देश्य आर्थिक तरक्की नहीं था, बल्कि समाज में हजारों वर्षों से फैली अस्पृश्यता को मिटाना था. लेकिन यह छूआछूत आज भी खत्म नहीं हुआ है, हमारे सामने रोजाना ऐसे मामले सामने आते रहते हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि एक तरफ जहां PSU बेचकर लगातार नौकरियां खत्म की जा रही है तो दूसरी तरफ BJP दलित-आदिवासी के संवैधानिक तरीके से रिजर्वेशन खत्म करने की कोशिश में लगी हुई है. सरकार चाहती तो इस मुद्दे को इसी सत्र में संविधान संशोधन लाकर सुलझा सकती थी, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि हमारी पार्टी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बारीकी से अध्ययन कर रही है.