Home EnvironmentWeather पूर्वी उत्तर प्रदेश में तेज बारिश, प्रयागराज में लेटे हनुमान मंदिर तक पहुंची गंगा; लखनऊ में जलभराव से दिक्कत

पूर्वी उत्तर प्रदेश में तेज बारिश, प्रयागराज में लेटे हनुमान मंदिर तक पहुंची गंगा; लखनऊ में जलभराव से दिक्कत

by Pooja Attri
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पूर्वी उत्तर प्रदेश में तेज बारिश, प्रयागराज में लेटे हनुमान मंदिर तक पहुंची गंगा; लखनऊ में जलभराव से दिक्कत

Uttar Pradesh News: तेजी से बढ़ते जलस्तर ने महाकुंभ मेले की तैयारियों पर असर डाला है. स्नान के लिए बनाए गए नए घाट भी इससे अछूते नहीं हैं.

07 August, 2024

Uttar Pradesh News: मॉनसून की सक्रियता के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश के अधिकतर जिलों में तेज बारिश हो रही है. प्रयागराज, लखनऊ, कानपूर और वाराणसी समेत पूर्वांचल के ज्यादातर जिलों में झमाझम बारिश के बाद मौसम का मिजाज बदला हुआ है. तेज बारिश के चलते जहां गर्मी और उमस से राहत मिली है तो वहीं भारी बारिश के बाद लखनऊ समेत कई जिलों में जलभराव हो गया है. प्रयागराज में लेटे हनुमान मंदिर तक गंगा का पानी पहुंच गया है. उधर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार रात को शुरू हुई बारिश अब भी जारी है. इससे वाहन चालकों को दिक्कत आ रही है.

प्रयागराज में कुंभ के मेले की तैयारियों पर पड़ा असर

पहाड़ी राज्यों में लगातार हो रही बारिश की वजह से प्रयागराज में संगम घाट पर गंगा और यमुना नदी का पानी बढ़ने से लोगों को रोजमर्रा के काम में दिक्कत आ रही है. तेजी से बढ़ते जलस्तर ने महाकुंभ मेले की तैयारियों पर असर डाला है. स्नान के लिए बनाए गए नए घाट भी इससे अछूते नहीं हैं. वहीं, हालात को देखते हुए गंगा और यमुना नदी के किनारे बनाए जा रहे कंक्रीट के घाटों का कंस्ट्रक्शन रोक दिया गया है. बता दें, संगम नगरी प्रयागराज में कुंभ का मेला हर 12 साल बाद लगता है. जनवरी 2025 में शुरू होने वाले मेले की तैयारियां चल रही है.

कब शुरू होने जा रहा है मेला?

कुंभ मेला प्रयागराज में आयोजित किया जाता है जिसकी शुरुआत साल 2025 की 13 जनवरी से होगी. इस महाकुंभ मेले का आयोजन हर 12 साल में एक बार किया जाता है. इस मेले का संबंध आस्था और ज्योतिष दोनों से है. ज्योतिष मान्यतानुसार, इस मेले का आयोजन वृष राशि में बृहस्पति का आगमन होने पर किया जाता है. बृहस्‍पति ग्रह साल 2025 में वृष राशि में आएंगे. वहीं, सूर्य और चंद्रमा के मकर राशि में प्रवेश करने पर भी महाकुंभ का आयोजन किया जाता है.

महाकुंभ की प्रमुख स्नान तिथियां

महाकुंभ का पहला शाही स्नान मकर संक्राति यानी 14 जनवरी के दिन होगा. वहीं, दूसरा शाही स्नान मौनी अमावस्या वाले दिन यानी 29 जनवरी को होगा. इसके अलावा तीसरा शाही स्नान बसंत पंचमी यानी फरवरी को होगा. इन तीन तिथियों के अलावा भी महाकुंभ स्नान के कुछ प्रमुख दिन भी हैं- पौष पूर्णिमा (13 जनवरी), माघी पूर्णिमा (12 फरवरी) और महाशिवरात्रि (26 फरवरी).

यह भी पढ़ें: क्या वायनाड में हुए भूस्खलन का जलवायु परिवर्तन से है संबंध ? पढ़िये एक्सपर्ट व्यू

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