Home National भारत में क्यों रुकना चाहती है शेख हसीना ? सुरक्षा व्यवस्था के किए कड़े इतंजाम; लंदन जाने की बनाई थी योजना

भारत में क्यों रुकना चाहती है शेख हसीना ? सुरक्षा व्यवस्था के किए कड़े इतंजाम; लंदन जाने की बनाई थी योजना

by Sachin Kumar
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भारत में कब तक रुकेंगी Sheikh Hasina? MEA ने दिया अपडेट, बांग्लादेश की नई सरकार को लेकर कही बड़ी बात

Bangladesh Violence : शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद सरकारी आवास ‘गणभवन’ से सैन्य हेलिकॉप्टर से हिंडन एयरबेस के लिए रवाना हो गईं. साथ ही उन्होंने पहले से भारत के रास्ते होते हुए लंदन जाने की योजना बनाई थी.

06 August, 2024

Bangladesh Violence : बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना अपने पद से इस्तीफा देने के बाद भारत आ गईं. हालांकि यहां आने से पहले उन्होंने लंदन जाने की योजना बनाई थी, लेकिन अनिश्चितताओं के चलते वह लंदन नहीं जा पाईं. ऐसे में अगले कुछ दिनों तक उनके भारत में ही रुकने की संभावना जताई जा रही है. इस्तीफा देने के कुछ घंटे बाद शेख हसीना सरकारी आवास ‘गणमान्य’ से सैन्य हेलीकॉप्टर से हिंडन एयरबेस पर उतरीं और इसके बाद उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया. उन्होंने बताया कि वह भारत से लंदन जाने वाली थीं, लेकिन वह अब किसी अन्य विकल्प पर विचार कर रही हैं. दूसरी तरफ ब्रिटिश सरकार ने यह संकेत दिया है कि ब्रिटेन में कोई कानूनी सुरक्षा शेख हसीना को नहीं दी जाएगी.

भारत के रास्ते लंदन जाने की बनाई योजना

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, शेख हसीना ने भारत के रास्ते लंदन जाने की योजना बनाई थी, वह जब बांग्लादेश से निकली तो उनके सहयोगियों ने भारत के अधिकारियों को सूचित कर दिया. वहीं, ब्रिटिश विदेश सचिव डेविड लैमी (British Foreign Secretary David Lammy) ने सोमवार को एक बयान में कहा कि बांग्लादेश में पिछले कुछ दिनों से हिंसा और दुखद जनहानि की सूचना मिली. इसके लिए देश के लोग घटनाओं की संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में पूर्ण एवं स्वतंत्र जांच के हकदार हैं.

शेख हसीना ने 15 वर्षों तक शासन किया

76 वर्षीय शेख हसीना ने बांग्लादेश पर 15 वर्षों तक शासन किया, लेकिन नौकरी में रिजर्वेशन को लेकर भारी विरोध-प्रदर्शन के चलते प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. विवादास्पद आरक्षण प्रणाली में 1971 के मुक्ति संग्राम में लड़ने वाले दिग्गज परिवारों को सिविल सेवा की नौकरियों में 30 प्रतिशत रिजर्वेशन देने का प्रावधान किया गया था. बता दें कि जनवरी में हुए संसदीय चुनाव में शेख हसीना की नेतृत्व वाली पार्टी अवामी लीग ने सत्ता बरकरार रखी. दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियों ने इस चुनाव का बहिष्कार किया था.

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