India China Border Dispute: बैठक में दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने हिमालयी सीमा से जुड़े लंबित मुद्दों का जल्द समाधान खोजने के उद्देश्य से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर मौजूदा स्थिति की समीक्षा की.
01 August, 2024
India China Border Dispute: भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) पर गतिरोध जारी है. हिमालयी सीमा में जारी इस गतिरोध को चार साल हो चुके हैं. ऐसे में भारत और चीन ने सीमा विवादों के बारे में बातचीत में तेजी लाने और सीमा क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखने पर सहमति जताई है. बुधवार को नई दिल्ली में आयोजित सीमा वार्ता के 30वें दौर के दौरान दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच लंबी बातचीत हुई. बैठक में चीन के तेवर नरम दिखाई दिए.
बैठक में जल्द समाधान खोजने पर हुई चर्चा
भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (WMCC) की 30वीं बैठक 31 जुलाई को देश की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित की गई. बैठक में दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने हिमालयी सीमा से जुड़े लंबित मुद्दों का जल्द समाधान खोजने के उद्देश्य से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर मौजूदा स्थिति की समीक्षा की. दोनों ही देशों ने शांति और सौहार्द्र की बहाली पर जोर दिया. बता दें कि, बैठक में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) गौरांगलाल दास ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया. वहीं चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व चीनी विदेश मंत्रालय के सीमा एवं महासागरीय विभाग के महानिदेशक होंग लियांग ने किया.
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भारत-चीन की पिछले हफ्ते भी हुई थी बातचीत
भारत और चीन ने LAC पर सामान्य स्थिति की बहाली पर जोर दिया. द्विपक्षीय समझौतों, प्रोटोकॉल और सहमति के अनुसार भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर शांति और सौहार्द को संयुक्त रूप से बनाए रखने पर सहमत हुए. बैठक के बाद चीनी प्रतिनिधिमंडल के नेता ने भी विदेश सचिव विक्रम मिस्री से भी मुलाकात की. गौरतलब है कि, पिछले हफ्ते भी भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा हुई थी. आसियान (Association of Southeast Asian Nations) देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भारत का दौरा किया था.
‘सीमा मुद्दा संबंधों को बहाल करना जरूरी’
बैठक के दौरान भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने द्विपक्षीय संबंधों के महत्व पर जोर दिया. विदेश मंत्री ने सीमा पर शांति और स्थिरता में हाल की गड़बड़ियों पर भी चिंता व्यक्त की, जिसने पिछले चार वर्षों से दोनों देशों के बीच के संबंधों को प्रभावित किया है. बैठक में विदेश मंत्री ने दोहराया था कि संबंध आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता के सिद्धांतों पर आधारित होने चाहिए. बता दें कि, चीन लंबे समय से दुहाई देता है कि दोनों देशों के बीच सीमा विवादों को पूरे द्विपक्षीय संबंधों पर हावी नहीं होने देना चाहिए. वहीं दूसरी ओर भारत ने इस बात पर जोर दिया है कि सीमा मुद्दा संबंधों को बहाल करना जरूरी है.