Climate Crisis : पेट्रिशिया स्कॉटलैंड ने कहा कि भारत स्वच्छ और सुरक्षित विकास मॉडल का सबसे बड़ा उदाहरण है, जो दक्षिण एशिया के लिए आशा की किरण है.
31 July, 2024
Climate Crisis : जलवायु संकट (Climate Crisis) वैश्विक मंच पर सबसे ज्यादा चर्चाओं में रहने वाला मुद्दा है. इसी बीच राष्ट्रमंडल महासचिव पेट्रिशिया स्कॉटलैंड (Commonwealth Secretary-General Patricia Scotland) ने कहा कि भारत एतिहासिक रूप से जलवायु संकट के लिए जिम्मेदार नहीं है, लेकिन भारत को वेस्टर्न कंट्री के 19वीं सदी के विकास की तरह प्रदूषणकारी प्रथाओं के रास्ते पर नहीं चलना चाहिए. राष्ट्रमंडल महासचिव ने कहा कि भारत के पास राष्ट्रमंडल के रूप में 56 देशों का क्लब और 2.7 अरब लोगों का प्रतिनिधित्व करता है, जहां टेक्नोलॉजी शेयर करना और ऊर्जा परिवर्तन करने का नेतृत्व है.
भारत सुरक्षित विकास मॉडल का उदाहरण
पेट्रिशिया स्कॉटलैंड ने कहा कि भारत स्वच्छ और सुरक्षित विकास मॉडल का सबसे बड़ा उदाहरण है, जो दक्षिण एशिया के लिए आशा की किरण है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत एक विकासशील देश है और एतिहासिक रूप से उसको जलवायु संकट के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए. संकट नहीं उत्पन्न करने के बाद भी भारत में अत्यधिक गर्मी, बाढ़ और तीव्र मानसून सहित गंभीर जलवायु संकट के रूप में देखा जा रहा है. सरकार इस पर गंभीर रूप से कार्रवाई करनी चाहिए.
पश्चिम के मॉडल का अनुकरण नहीं करना चाहिए
राष्ट्रमंडल सचिव ने कहा कि भारत के कुछ शहरों में गर्मी, बाढ़ और मॉनसून को देखने पर लगता है कि देश को पश्चिम के विकास मॉडल का अनुकरण नहीं करना चाहिए. उन्होंने बताया कि पश्चिम का मॉडल पूरी तरह से असफल हो गया है, अब विकासशील देशों को उसका अनुकरण नहीं करना चाहिए जिसके कारण जलवायु संकट उत्पन्न हुआ है. इसके अलावा मुझे बहुत निराशा होगी कि यदि भारत 18वीं और 19वीं शताब्दी के मॉडल को अपनाने की कोशिश करता है. स्कॉटलैंड का कहना है कि हमें यह समझने में बिल्कुल भी गलती नहीं करनी चाहिए जो पश्चिम के देशों ने किया और एक दु:स्वप्न पैदा किया, जिसके कारण आज हम मर रहे हैं.
यह भी पढ़ें- राजेंद्र नगर हादसे के बाद एक्शन में आई दिल्ली सरकार, कोचिंग सेंटरों के लिए ला रही नया कानून