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Munshi Premchand Birth Anniversary 2024: प्रेमचंद के वो 5 उपन्यास, जिन्होंने करोड़ों दिलों पर छोड़ी छाप

by Pooja Attri
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Munshi Premchand Birth Anniversary 2024: प्रेमचंद्र के वो 5 उपन्यास, जिन्होंने करोड़ों दिलों पर छोड़ी छाप

Munshi Premchand Birth Anniversary 2024: आज हम आपको लिजेंडरी हिंदी उपन्यासकार मुशी प्रेमचंद के 5 ऐसे बेहतरीन उपन्यास बताएंगे, जिन्होंने करोड़ों पाठकों के दिलों को झकझोर दिया.

31 July, 2024

Munshi Premchand Birth Anniversary 2024: मुंशी प्रेमचंद हिंदी साहित्य में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले लेखकों में से एक हैं. वाराणसी के लमही में 31 जुलाई, 1880 में जन्में प्रेमचंद्र ने अपने साहित्यिक जीवन में करीब डेढ़ दर्जन उपन्यास और 300 से ज्यादा कहानियां लिखी हैं. आज हम आपको लीजेंडरी हिंदी उपन्यासकार मुशी प्रेमचंद के 5 ऐसे बेहतरीन उपन्यास बताएंगे, जिन्होंने करोड़ों पाठकों के दिलों को छुआ.

गोदान

प्रेमचंद का यह उपन्यास भारतीय किसानों के पूरे जीवन का एक जीता जागता चित्रण है. इसमें उन्होंने एक किसान की आकांक्षा-निराशा, उसकी बेबसी और इच्छा या कामना का बखूबी वर्णन किया गया है. यह उपन्यास साल 1936 में प्रकाशित हुआ था.

निर्मला

प्रेमचंद का यह उपन्यास एक युवा लड़की निर्मला के जीवन पर आधारित है, जिसका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था. उपन्यास में जातिवाद, बाल विवाह और सामाजिक रुढ़ियों जैसे विषयों पर फोकस किया गया है. इसमें बेमेल विवाह के विषय को उठाया गया है.

कर्मभूमि

प्रेमचंद का यह उपन्यास स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भारत में आए सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तनों को दर्शाता है. उपन्यास में किरदारों के जरिए बलिदान, देशभक्ति और सामाजिक सुधार जैसे विषयों पर गौर किया गया है.

सेवासदन

सेवासदन एक वेश्यालय की कहानी है जो समाज में वेश्याओं के साथ किए जाने वाले भेदभाव और उनके जीवन की कठिनाइयों को उजागर करती है.

रंगभूमि

प्रेमचंद के चर्चित उपन्यासों में एक रंगभूमि भी है. इसके कथानक गजब का है. इसमें औद्योगिकीकरण के दुष्प्रभावों का जिक्र किया गया है. इसका पत्र सूरदास अपनी छोटी सी जमीन के लिए संघर्ष करता है. पूंजीपति उसे लुभाते हैं, लेकिन वह झुकता नहीं है.

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