Wayanad Landslides: वायनाड में कुदरत के इस कहर को लेकर क्लाइमेट चेंज को जिम्मेदार बताया जा रहा है.
Wayanad Landslides: केरल के वायनाड जिले में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से 132 लोगों की जान चली गई. इस हादसे में 128 लोग घायल हो गए हैं. सैकड़ों लोग अब भी मलबे में फंसे हो सकते हैं, इसलिए रेस्क्यू ऑपरेशन अब भी जारी है. वहीं, मानसून के मौसम में देश में इस तरह की घटना होना कोई नई बात नहीं है. पहले भी प्राकृतिक आपदा तबाही मचा चुकी है, लेकिन वायनाड में कुदरत के इस कहर को लेकर क्लाइमेट चेंज को जिम्मेदार बताया जा रहा है.
क्लाइमेट चेंज के कारण हो रही ज्यादा बारिश
जियोलॉजिस्ट का कहना है कि भारत और दक्षिण एशिया जैसी जगहों पर क्लाइमेट चेंज के कारण ज्यादा बारिश रिपोर्ट की गई है. ग्लोबल वार्मिंग के कारण गर्मी बढ़ती जा रही है. जीवाश्म ईंधन से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड वायुमंडल में बढ़ती जा रही है, जिससे ऐसे हालात पैदा हो रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि क्लाइमेट चेंज और इंसानों की दखल के कारण भारत में प्राकृतिक आपदाएं बढ़ती जा रही हैं.
भारत में लगाताक बढ़ रही हैं प्राकृतिक आपदाएं
विशेषज्ञों का कहना है कि हम केवल क्लाइमेट चेंज को दोष नहीं दे सकते हैं. क्लाइमेट चेंज मानवीय दखल के कारण ही हो रहा है. पेड़ों की कटाई करना इसका मुख्य कारण है. लगातार हो रहे कंस्ट्रक्शन, विकास के नाम पर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और अतिक्रमण ये ऐसी मानवीय गतिविधियां हैं जो लैंडस्लाइड के जोखिम को बढ़ाती हैं. विशेषज्ञों ने बताया कि लगातार हो रही तेज बारिश जमीन धंसने की वजह बनती है.आंकड़ों पर नजर डाले तो 2019 में भारत क्लाइमेट चेंज से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की लिस्ट में सातवें स्थान पर था. 2021 के क्लाइमेट चेंज परफॉर्मेंस इंडेक्स में भारत 63 देशों में आठवें स्थान पर रहा, जो वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन(Gas emissions) में 92 प्रतिशत योगदान देता है.
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