Bihar Snake Fair: बिहार में एक ऐसा गांव भी हैं, जहां सांपों का मेला लगता है और इन सांपों को लोग मंदिर में लाकर भगवान को चढ़ाते हैं.
30 July, 2024
Bihar Snake Fair: हमारे देश में कई तरह के त्योहार मनाए जाते हैं. गाय से लेकर सांपों तक ही पूजा की जाती है. सावन के महीने में तो सांपों की पूजा करने का विशेष महत्व है. सावन के महीने में महादेव की पूजा की जाती है और सांप को भगवान शिव अपने गले में धारण करते हैं. यही कारण है कि सावन में सापों की भी पूजा की जाती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि बिहार में एक ऐसा गांव भी हैं, जहां सांपों का मेला लगता है और इन सांपों को लोग मंदिर में लाकर भगवान को चढ़ाते हैं.
नागपंचमी के दिन लगता है मेला
बिहार के समस्तीपुर जिले के सिंघिया गांव में नागपंचमी के दिन हर साल यह मेला लगता है. इस मेले को सांपों का मेला कहा जाता है. इस मेले को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. मेले में मां भगवती का मंदिर है और मान्यता है लोग खुद सांप पकड़कर इस मंदिर में भगवान को चढ़ाते हैं. कहा जाता है कि ऐसा करने से लोगों की हर मनोकामना पूरी हो जाती है.
सांपों को पकड़ने का होता है खेल
मेले के किनारे बहने वाली बूढी गंडक नदी में लोग पहले डुबकी लगाते हैं और फिर सांपों को पकड़ने का खेल शुरू हो जाता है. इसमें जहरीले सांप भी शामिल होते हैं. लोग कोबरा जैसे जहरीले सांप भी पकड़ लेते हैं और मंदिर में ले जाकर चढ़ा देते हैं. ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति मंदिर में सांपों को ले जाकर चढ़ाता है और अपनी मन्नत मंदिर में मांगता है तो उसकी हर मुराद पूरी हो जाती है.
छोटे-छोटे बच्चे भी पकड़ते हैं सांप
जब आप इस मेले में जाएंगे तो आपको हर किसी के हाथों में सांप दिखाई देगा. यहां तक कि छोटे-छोटे बच्चों के हाथ में भी आपको जहरीले सांप नजर आएंगे. बड़े ही आराम से लोग सांपों को अपने हाथों में लिए दिखते हैं, उन्हें इससे जरा भी डर नहीं लगता है. कई लोग इन सांपों से खेलते हुए भी आपको दिख जाएंगे. कोई सांपों को गले में लपेटे या फिर सिर पर बांधे नजर आएगा. बिहार का ये अनोखा मेला देशभर में अब चर्चा का विषय बन गया है.
तीन सौ सालों से लग रहा मेला
लोगों का कहना है कि बीते तीन सौ सालों से यह मेला हर साल लगाया जा रहा है. परंपरागत तरीके से सांपों के इस मेले का आयोजन किया जाता है. हर साल नागपंचमी के दिन इस मेले का आयोजन होता है. सैकड़ों की संख्या में भक्त इस मेले को देखने को लिए और अपनी मन्नत मांगने आते हैं. कहा जाता है कि इस मेले आने भर से लोगों की मनोकामना पूरी हो जाती है.