Tigers: देश भर में सरकारी डेटा के अनुसार पिछले 5 सालों में प्राकृतिक कारणों और अवैध शिकार सहित अन्य कारणों से कुल 628 बाघों की मौत हुई है.
26 July, 2024
Tigers: देश में बाघों (Tiger) की मौतों को लेकर एक सरकारी डेटा जारी किया गया है, जो चौंकाने वाला है. सरकारी डेटा के अनुसार, पिछले 5 सालों में भारत में प्राकृतिक कारणों और अवैध शिकार सहित अन्य कारणों से कुल 628 बाघों की मौत होने की जानकारी दी गई है. इस बीच इस अवधि के दौरान बाघों (Tiger) के हमलों में 349 लोग मारे भी गए हैं. इनमें अकेले महाराष्ट्र में 200 मौतें दर्ज की गई हैं. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के अनुसार, साल 2019 में 96 बाघों की मौत हुई, साल 2020 में 106, साल 2021 में 127, साल 2022 में 121 और साल 2023 में 178 बाघों की मौत हुई है. डेटा से यह पता चल रहा है कि साल दर साल देश में बाघों की मौतों की संख्या में इजाफा हो रहा है. फिलहाल, भारत में बाघों की संख्या 3167 है.
बाघ के हमले से कई लोगों की गई है जान
केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह (Kirti Vardhan Singh) ने राज्यसभा (Rajya Sabha) में बताया कि साल 2019 और 2020 में बाघों के हमलों में 49-49 लोगों की मौत हुई है. उन्होंने कहा कि साल 2021 में 59, साल 2022 में 110 और साल 2023 में 82 बाघों के हमले से अपनी जान गंवा चुके हैं. अकेले उत्तर प्रदेश में ही बाघों के हमलों में 59 लोगों की मौत दर्ज की गई, जबकि मध्य प्रदेश में 27 लोगों की मौत हुई है.
बाघों के रहने के लिए बनाए गए हैं 55 अभयारण्य
भारत में बाघों के संरक्षण को देने के लिए 1 अप्रैल, 1973 को प्रोजेक्ट टाइगर ( Project Tiger) की शुरुआत की गई. इस प्रोजेक्ट की शुरुआत में इसमें 18,278 वर्ग किलोमीटर में फैले 9 बाघ अभयारण्य शामिल थे. हालांकि सरकार ने इस पर काम करते हुए वर्तमान में भारत में 55 बाघ अभयारण्य बना दिए हैं.