Home Top 3 News क्या होता है ‘आर्थिक सर्वेक्षण’? दो पार्ट में दिए जाते हैं आंकड़े; जानें कब हुई इसकी शुरुआत ?

क्या होता है ‘आर्थिक सर्वेक्षण’? दो पार्ट में दिए जाते हैं आंकड़े; जानें कब हुई इसकी शुरुआत ?

by Live Times
0 comment
क्या होता है 'आर्थिक सर्वेक्षण' ? दो पार्ट में दिए जाते हैं आंकड़े; जानें कब हुई इसकी शुरुआत ?

Economic Survey : आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को संसद में पेश किया. संसद में इस रिपोर्ट के आंकड़ों को काफी महत्व दिया जाता है.

22 July, 2024

Economic Survey : नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट मंगलवार (23 जुलाई, 2024) को पेश होगा. हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में BJP ने तीसरी बार सत्ता में वापसी की है और इस बजट से आम लोगों को काफी उम्मीदें हैं. क्या आपको पता है कि केंद्रीय बजट से पहले संसद में एक आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाता है. सर्वेक्षण सरकार का रिपोर्ट कार्ड होता है, जिसमें विभिन्न सेक्टरों के आंकड़े पेश किए जाते हैं. खबर में आपको बताते हैं कि इस रिपोर्ट को क्यों इतना महत्व दिया जाता है?

क्या होता आर्थिक सर्वेक्षण ?

हर वर्ष सरकार बजट पेश करने से एक दिन पहले संसद के पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) की रिपोर्ट पेश करती है. यह सर्वेक्षण बजट के आधार के रूप में देखा जाता है. इसमें देश की इकोनॉमी की पूरी रिपोर्ट सामने होती है. यह रिपोर्ट पिछले वर्ष के वित्तीय हालात के आधार पर तैयार किया जाता है. इसके जरिए सरकार देश की अर्थव्यवस्था और फाइनेंशियल लेखा जोखा के बारे में संसद को बताती है, जिसमें बीते साल में किन योजनाओं का लाभ आम लोगों को पहुंचा? किस सेक्टर में कितना इन्वेस्ट किया गया? और उससे कितने लाभ मिला? किस सेक्टर में कौन-सी योजनाओं का लाभ आम लोगों को मिला? इन सबकी जानकारी दी जाती है.

दो भागों में पेश होती है रिपोर्ट

आर्थिक सर्वेक्षण को बजट का आधार माना जाता है, लेकिन सरकार के ऊपर दबाव होता है कि इसको लागू ही किया जाए. इस रिपोर्ट में महंगाई, सरकारी पॉलिसी, देश के हर सेक्टर को लेकर विभिन्न आंकड़े और क्षेत्रवार के आर्थिक स्थिति का ब्योरा होता है. सरकार आर्थिक रिपोर्ट को दो हिस्सों में बांटकर पेश करती है. पहला, देश की अर्थव्यवस्था के बारे में विभिन्न आंकड़ों को प्रस्तुत किए जाते हैं. दूसरा, अलग-अलग सेक्टरों के आंकड़े पेश होते हैं. बता दें कि यह पूरी रिपोर्ट मुख्य आर्थिक सलाह के नेतृत्व वाली कमेटी तैयार करती है.

पहली बार कब पेश हुई रिपोर्ट

आर्थिक सलाहकार के नेतृत्व में रिपोर्ट तैयार करने के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री से अनुमोदित किया जाता है. आपको मालूम हो कि वित्त वर्ष 1951-52 में पहली बार बजट पेश होने से एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया था. 1951 में इकोनॉमिक रिपोर्ट को बजट के साथ ही पेश कर दिया जाता था, लेकिन साल 1964 के बाद से इसको अलग कर दिया गया. इसके बाद एक नई परंपरा शुरू हुई और आर्थिक सर्वेक्षण को बजट से एक दिन पहले प्रस्तुत किया जाने लगा. इस रिपोर्ट के आंकड़ों के प्रति सरकार बाध्यकारी नहीं है, लेकिन इस रिपोर्ट को काफी महत्व दिया जाता है और सरकारें इसके अनुसार कई पॉलिसी बनाती हैं.

यह भी पढ़ें- अब RSS के आयोजनों में शामिल हो सकेंगे सरकारी कर्मचारी, NDA सरकार के फैसले का शुरू हुआ विरोध

You may also like

Leave a Comment

Feature Posts

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

@2024 Live Times News. All Right Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00