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2050 तक देश की इतनी हो जाएगी आबादी, जानें UNFPA ने Budget पेश होने से पहले क्या-क्या किए दावे

by Divyansh Sharma
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2050 तक देश की इतनी हो जाएगी आबादी, जानें UNFPA ने Budget पेश होने से पहले क्या क्या किए दावे

Budget 2024: UNFPA की ओर से कहा गया है कि परिवार नियोजन को बढ़ाने के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आने वाले कार्यक्रमों की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

21 July, 2024

Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करने की तैयारी कर रही हैं. बजट पेश होने से पहले ही संयुक्त राष्ट्र की प्रमुख एजेंसी ने इससे पहले संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (United Nations Population Fund) ने भारत को लेकर एक कई सुझाव दिए हैं. UNFPA India ने भारत के जनसांख्यिकीय (डेमोग्राफिक) और लैंगिक डिविडेंड को भुनाने के लिए रणनीतिक निवेश की आवश्यकता पर जोर दिया है, क्योंकि भारत में किशोरों और युवाओं की आबादी काफी अधिक है. UNFPA ने कहा कि भारत में 2050 तक 50 प्रतिशत शहरी आबादी होने का अनुमान है. ऐसे में स्मार्ट शहर, मजबूत बुनियादी ढांचे और किफायती आवास का निर्माण महत्वपूर्ण है.

25 करोड़ भारतीय युवा हैं सबसे महत्वपूर्ण

UNFPA की ओर से कहा गया है कि आगामी बजट में किशोर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और परिवार नियोजन को जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आने वाले कार्यक्रमों की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए प्राथमिकता दी जानी चाहिए. UNFPA ने इस बात पर जोर दिया कि 25 करोड़ भारतीय युवाओं के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा में निवेश कर देश-दुनिया की प्रगति के लिए डेमोग्राफिक क्षमता का दोहन किया जा सकता है. देश की आबादी में लगभग आधी हिस्सेदारी रखने वाली महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए UNFPA ने जोर दिया. UNFPA की ओर से कहा कि आधुनिक परिवार नियोजन के तरीके महिलाओं के लिए उनके परिवार की योजना प्रभावी ढंग से बनाने और उनके कामकाजी जीवन के मैनेजमेंट के लिए महत्वपूर्ण हैं.

लैंगिक असमानता को कम करना जरूरी

संयुक्त राष्ट्र की प्रमुख एजेंसी ने कहा कि उच्च शिक्षा और एंटरप्रेन्योरशिप के जरिए महिलाओं को सशक्त बनाने से देश में सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन आ सकता है. महिलाओं और लड़कियों के लिए सशक्तिकरण को बढ़ाने के लिए डिजिटल सेक्टर में लैंगिक असमानता को कम करना जरूरी है. UNFPA ने अपनी UNFPA की इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023 (India Ageing Report) का हवाला देते हुए कहा साल 2050 तक भारत की बुजुर्ग आबादी दोगुनी होने की उम्मीद है. ऐसे में बुजुर्गों के लिए सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे में निवेश करना सिल्वर डिविडेंड का दोहन करने के लिए महत्वपूर्ण है. इनमें स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाना, वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना और बुजुर्गों के लिए समावेशी वातावरण बनाना शामिल है.

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