Coronavirus Study: कोरोना वायरस से हुई मौतों को लेकर साइंस एडवांस पब्लिकेशन (SAP) ने एक रिपोर्ट जारी की है, लेकिन इसको सरकार ने गलत बताया है.
20 July 2024
Coronavirus Study: देश में वर्ष 2020 में कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के पहले फेज में लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. कोरोना से हुई मौतों को लेकर साइंस एडवांस पब्लिकेशन (SAP) ने एक रिपोर्ट जारी की है. इसे भारत सरकार के 2019-21 के नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) के आधार पर तैयार किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना का असर पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में देखा गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने जो मौत का आंकड़ा जारी किया था उससे कहीं ज्यादा मौतें हुईं. इसके उलट स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) ने इस अध्ययन को भ्रामक बताया है.
कोरोना से असल में 20-65 लाख लोगों की हुई थी मौत
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में कोरोना के पहले फेज और 2021 में डेल्टा वेव के साथ आए दूसरे फेज के बाद देश में इस महामारी से 4.81 लाख लोगों की मौत हुई थी. वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जो आंकड़े जारी किए थे उसमें भारत में असल में 20-65 लाख लोगों की मौत बताई थी, लेकिन अब SAP ने अपने अध्ययन में कहा है कि WHO के आंकड़ों से भी डेढ़ गुना ज्यादा मौतें कोरोना की वजह से हुई थी.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अध्ययन को बताया ‘भ्रामक’
साइंस एडवांस पब्लिकेशन (SAP) की ओर से कोरोना से हुई मौतों को लेकर किए गए अध्ययन को भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) ने भ्रामक बताया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि यह डेटा उस समय का है कि जब कोविड-19 महामारी अपने चरम पर थी. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अध्ययन में कहा गया कि भारत का पंजीकरण प्रणाली कमजोर है, जबकि सच यह है कि भारत में नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) अत्यधिक मजबूत है.