3 January 2024
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने कहा कि संजय सिंह को भारतीय कुश्ती महासंघ से अलग रखा जाए, तो हमें नये डब्ल्यूएफआई से कोई ऐतराज नहीं है। साक्षी के मुताबिक हमें नये महासंघ से कोई परेशानी नहीं, बल्कि एक व्यक्ति संजय सिंह के रहने से परेशानी है। संजय सिंह के बिना नये महासंघ से, या तदर्थ समिति से भी हमें कोई परेशानी नहीं है। उन्होने कहा कि बस बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को इससे अलग रखा जाए।
मलिक ने कहा कि सरकार हमारे लिये अभिभावक की तरह है और मैं उनसे अनुरोध करूंगी कि आने वाले पहलवानों के लिये कुश्ती को सुरक्षित बनाये। मैं नहीं चाहती कि महासंघ में बृजभूषण का दखल हो।
उन्होनें कहा कि, हमारी वजह से जूनियर पहलवानों का नुकसान होमैं नहीं चाहती। तदर्थ समिति, सीनियर राष्ट्रीय चैम्पियनशिप का ऐलान कर चुकी है। मैं अनुरोध करूंगी कि अंडर 15, अंडर 17 और अंडर 20 राष्ट्रीय चैम्पियनशिप का भी ऐलान किया जाये।
साक्षी ने कहा पिछले दो तीन दिन से बृजभूषण के गुंडे मेरी मां को धमकी भरे फोन कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग, हमें गालियां दे रहे हैं। लेकिन उन्हें यह नहीं भूलना चाहिये कि उनके घर में भी बहन बेटियां हैं ।
बजरंग, साक्षी और विनेश के खिलाफ जूनियर पहलवानों ने खोला मोर्चा
दूसरी तरफ जूनियर पहलवानों ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सैकड़ों जूनियर पहलवानों ने अपने कैरियर का एक साल बर्बाद होने के खिलाफ जंतर मंतर पर इकठ्ठा होकर विराध प्रर्दशन किया। उन्होंने इसके लिये बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट को दोषी ठहराया ।
जूनियर पहलवानों का कहना है कि बजरंग और विनेश ने अपने सरकारी सम्मान लौटा दिये हैं। इन लोगों के मन में राष्ट्रीय पुरस्कारों की कोई इज्जत नहीं है। ये राष्ट्रीय पुरस्कारों को सड़क पर फेक रहे हैं ।
जूनियर पहलवानों का आरोप है कि, वे कहते हैं कि उनकी लड़ाई महिला और जूनियर पहलवानों के लिये हैं लेकिन उन्होंने लाखों के कैरियर बर्बाद कर दिए। उनका प्रदर्शन डब्ल्यूएफआई में शीर्ष पद पाने के लिये है । एक बार ऐसा होने पर उनका सारा प्रदर्शन बंद हो जायेगा।
आपको बता दें कि प्रदर्शनकारी पहलवानों में से कइयों के पास इस बार आखिरी बार जूनियर लेवल पर खेलने का मौका था। भारतीय कुश्ती महासंघ के नये पदाधिकारियों के चुनाव के फौरन बाद राष्ट्रीय अंडर 15 और अंडर 20 चैम्पियनशिप गोंडा में कराने का फैसला भी किया गया था। लेकिन मंत्रालय ने महासंघ को निलंबित कर दिया, और ये टूर्नामेंट भी रद्द हो गए।
इन जूनियर प्रदर्शनकारी पहलवानों ने मांग की है कि निलंबित डब्ल्यूएफआई को फिर से बहाल किया जाये और तदर्थ समिति को भंग किया जाये।