Rajesh Khanna Death Anniversary:: हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार कहलाने वाले राजेश खन्ना आज ही दिन इस दुनिया को छोड़कर गए थे.
18 July, 2024
इज्जतें, शोहरतें, चाहतें, उल्फतें, कोई भी चीज दुनिया में रहती नहीं, आज मैं हूं जहां, कल कोई और था, ये भी एक दौर है, वो भी एक दौर था. मुझको इतनी मुहब्बत मिली आपसे
ये मेरा हक नहीं मेरी तकदीर है
मैं ज़माने की नज़रों में कुछ भी ना था
मेरी आंखों में अब तक वो तस्वीर है
उस मुहब्बत के बदले मैं क्या नज़र दूं
मैं तो कुछ भी नहीं
ये लाइनें राजेश खन्ना अक्सर सुनाया करते थे. ‘दाग’ फिल्म की इस नज्म की हर लाइन उनके जेहन में बसी हुई थी. शायद ये लाइनें ही उनकी जिंदगी की सच्चाई थीं.
हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना उर्फ काका ने अपने जमाने में स्टारडम का जो दौर देखा, वो हर किसी के नसीब में नहीं होता. एक वक्त था जब राजेश खन्ना की गाड़ी देखते ही लड़कियां उस पर टूट पड़ती थीं. सफेद गाड़ी को चूम-चूमकर लिपस्टिक से लाल कर दिया करती थीं. अपने खून से राजेश खन्ना के नाम प्रेम पत्र लिखा करती थीं. काका की सिर्फ एक झलक पाने के लिए उनके बंगले के बाहर हजारों लोगों की भीड़ लगा करती थी. मगर, वो कहते हैं ना कि वक्त एक सा नहीं रहता… काका का भी वक्त बदला… और ऐसा बदला कि वो आसमान से जमीन पर आ गए….
लगातार 15 हिट फिल्मों का रिकॉर्ड
साल 1969 से 1971 तक यानी दो साल के दौरान राजेश खन्ना ने लगातार 15 हिट फिल्में दी. कामयाबी का ये सफर फिल्म ‘आराधना’ के साथ शुरू हुआ और ‘हाथी मेरे साथी’ तक जारी रहा. लगभग 20 सालों तक राजेश खन्ना ने हिंदी सिनेमा पर राज किया. उनकी पॉपुलैरिटी ऐसी थी कि कहावत बन गई… ऊपर आका और नीचे काका… हालांकि, 80 का दशक खत्म होते-होते राजेश खन्ना के सितारे गर्दिश में जाने लगे.
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ऐसे हुई करियर की शुरुआत
29 दिसंबर, 1942 में पंजाब के अमृतसर में पैदा हुए जतिन खन्ना उर्फ राजेश खन्ना को उनके मुंबई के एक रिश्तेदार ने गोद लिया. पढ़ाई-लिखाई के साथ जतिन स्कूल के नाटकों में हिस्सा लेने लगे. स्कूल में ही उनकी दोस्ती रवि कपूर के साथ हो गई जिन्हें बॉलीवुड में जितेंद्र के नाम से जाना जाता है. स्कूल खत्म होते-होते जतिन ने फिल्मों में काम करने का फैसला ले लिया. उनके चाचा केके तलवार ने इसमें जतिन का पूरा साथ दिया और उनका नाम बदलकर राजेश खन्ना रख दिया. 1965 में यूनाइटेड प्रोड्यूर्स और फिल्म फेयर का ऑल इंडिया टैलेंट कॉन्टेस्ट जीतने के बाद राजेश खन्ना ने दो फिल्मों का कॉन्ट्रेक्ट साइन किया ‘आखिरी खत’ और ‘राज’… इस तरह राजेश की पहली फिल्म ‘आखिरी खत’ साल 1966 में रिलीज हुई. हालांकि वो फिल्म थी ‘आराधना’ जिसने उन्हें सुपरस्टार बना दिया. इस फिल्म में उनके साथ शर्मिला टैगोर की जोड़ी को खूब पसंद किया गया. लगातार हिट फिल्मों का सिलसिला ‘हाथी मेरे साथ’ तक चला.
जब अकेले रह गए राजेश खन्ना
फिर एक समय आया जब लगातार 15 बड़ी हिट फिल्में देने के बाद राजेश खन्ना का स्टारडम कम होने लगा. इसकी वजह से उनकी पर्सनल लाइफ भी अस्त-व्यस्त रहने लगी. पहले वह एक्ट्रेस अंजू महेंद्रू के प्यार में पड़े. सात साल के रिश्ते के बाद दोनों अलग हो गए. इसी बीच राजेश खन्ना को डिंपल कपाड़िया से प्यार हो गया. उस वक्त डिंपल की पहली फिल्म ‘बॉबी’ रिलीज होने वाली थी. डिंपल राजेश से 15 साल छोटी थीं. हालांकि, इसके बावजूद दोनों ने शादी की. शादी के बाद डिंपल और राजेश की 2 बेटियां हुईं. लेकिन धीरे-धीरे दोनों का रिश्ता कमजोर पड़ने लगा. कहा जाता है कि अपने करियर के गिरते ग्राफ की वजह से काका घर पर खामोश रहने लगे थे. ऐसे में दोनों में अक्सर झगड़ा होता था. दुखी होकर डिंपल ने शादी के 11 साल बाद काका से अलग रहने का फैसला कर लिया. हालांकि, दोनों ने बेटियों की वजह से कभी तलाक नहीं लिया.
जब अमिताभ ने काका को हराया
एक तरफ राजेश खन्ना की फिल्में फ्लॉप होने लगीं, उधर बॉलीवुड को अमिताभ बच्चन के रूप में अपना नया सुपरस्टार मिल चुका था. अमिताभ की ‘शोले’, ‘दीवार’ और ‘जंजीर’ जैसी फिल्मों ने लोगों को अलग तरह के सिनेमा का दीदार करवाया. इसका सीधा असर काका के स्टारडम पर पड़ा. वहीं, राजेश खन्ना की कुछ आदतों ने भी उन्हें जमीन पर लाने में बड़ी भूमिका निभाई. काका के बारे में कहा जाता था कि वह शूटिंग पर बहुत देर से पहुंचा करते थे. सुबह 9 बजे की शिफ्ट में राजेश खन्ना दोपहर 2 बजे पहुंचते थे. खैर, जब वक्त खराब हो तब इंसान की हर आदत खराब लगने लगती है.
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